धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर सीएम धामी सख्त: श्रद्धालुओं की संख्या पर नियंत्रण और अतिक्रमण हटाने के निर्देश
देहरादून, 29 जुलाई
हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में हाल ही में हुए भगदड़ हादसे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं की धारण क्षमता के अनुसार ही प्रवेश देने के सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने इस हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए व्यवस्था और सुरक्षा मानकों को प्राथमिकता दी जा रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने सोमवार को एफटीआई देहरादून में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि हर बड़े धार्मिक स्थल पर सुरक्षा, ट्रैफिक प्रबंधन, पार्किंग और श्रद्धालु संख्या नियंत्रण की ठोस व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि धार्मिक स्थलों के संभावित विस्तार पर भी गंभीरता से कार्य किया जाए।
कुमाऊं के प्रमुख धार्मिक स्थल जहां भारी भीड़ जुटती है:
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कैंची धाम (नैनीताल) – बाबा नीब करौरी महाराज के आश्रम में रोजाना 10-12 हजार श्रद्धालु पहुंचते हैं, जो शनिवार और मंगलवार को 15-18 हजार तक हो जाते हैं। 15 जून को स्थापना दिवस पर यह संख्या 1.5 लाख तक पहुंच जाती है।
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जागेश्वर धाम (अल्मोड़ा) – ‘हिमालय का काशी’ कहे जाने वाले इस मंदिर समूह में श्रावण मास और महाशिवरात्रि पर देशभर से हजारों शिवभक्त आते हैं।
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चितई गोलू मंदिर (अल्मोड़ा) – मनोकामना पूर्ण होने पर घंटी चढ़ाने की परंपरा के लिए प्रसिद्ध इस मंदिर में रोजाना 4-5 हजार श्रद्धालु पहुंचते हैं, जबकि विशेष अवसरों पर यह संख्या 10 हजार पार कर जाती है।
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हाट कालिका मंदिर (गंगोलीहाट, पिथौरागढ़) – यह मंदिर सैनिकों और पूर्व सैनिकों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। नवरात्र और अन्य पर्वों में भीड़ काफी बढ़ जाती है।
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पूर्णागिरी धाम (टनकपुर, चंपावत) – यह शक्तिपीठ चैत्र नवरात्रि के समय विशाल मेले का केंद्र होता है, जिसमें प्रति दिन हजारों श्रद्धालु आते हैं।
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गर्जिया मंदिर (रामनगर) – कोसी नदी में स्थित यह मंदिर कार्तिक पूर्णिमा, गंगा दशहरा, और अन्य धार्मिक पर्वों पर सैकड़ों श्रद्धालुओं से गुलजार रहता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन स्थलों पर व्यवस्थाएं “ऊंट के मुंह में जीरा” जैसी हैं, जिन्हें सुधारने की तत्काल आवश्यकता है।
पंचायत चुनाव में जनता का जबरदस्त उत्साह
मुख्यमंत्री धामी ने पंचायत चुनाव को लेकर कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में प्रदेशभर की जनता ने अभूतपूर्व उत्साह दिखाया है। ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाताओं की जागरूकता और मतदान में उच्च भागीदारी से साफ है कि जनता स्थानीय सरकारों के प्रति सजग और जागरूक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों की ग्राम विकास में केंद्रीय भूमिका रहती है।
अतिक्रमण हटाने को लेकर सरकार सख्त, अब तक 7 हजार एकड़ जमीन मुक्त
मुख्यमंत्री ने प्रदेशभर में सरकारी जमीनों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए चलाए जा रहे अभियान की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि अब तक 7,000 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया जा चुका है।
सीएम ने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अतिक्रमणकारियों को विधिक नोटिस देकर स्वेच्छा से निर्माण हटाने का मौका दें, अन्यथा अभियान चलाया जाएगा।
उत्तराखंड को मिला सतत विकास में पहला स्थान
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि वर्ष 2023-24 के इंडेक्स में उत्तराखंड को सतत विकास लक्ष्य (SDG) में देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का परिणाम बताया।