राष्ट्रपति चुनाव में क्रास वोटिंग पर कांग्रेस में हड़कंप, हाईकमान से उच्च स्तरीय जांच की मांग

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राष्ट्रपति चुनाव में राज्यों से विधायकों के वोटिंग की रिपोर्ट के बाद उत्तराखंड कांग्रेस में हड़कंप मच गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने क्रास वोटिंग की जानकारी मिलने पर नई दिल्ली में पार्टी हाईकमान को सूचित किया। वहीं करन माहरा ने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य से एक कमेटी बनाकर मामले की जांच का अनुरोध किया है।

बता दें कि बीती 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में उत्तराखंड से कुल 67 विधायकों ने मतदान किया था।
भाजपा के विधायक व परिवहन मंत्री चंदन राम दास अस्पताल में भर्ती होने के कारण अपना वोट नहीं दे पाए थे।वहीं कांग्रेस के राजेंद्र भंडारी और तिलक राज बेहड़ ने विभिन्न कारणों से मतदान में भाग नहीं ले पाए थे। इस तरह 70 में से कुल 67 विधानसभा सदस्यों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जबकि राष्ट्रपति पद की एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को प्रदेश से 51 विधायकों के मत प्राप्त हुए हैं।
कांग्रेस के दो विधायकों को छोड़ा जाए तो 17 विधायकों ने मतदान में भाग लिया। वहीं भाजपा के 46 विधायकों ने मतदान किया। राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा ने दो निर्दलीय और दो बसपा सदस्यों का विश्वास भी जुटा लिया था। इस तरह राजग की प्रत्याशी मुर्मू को 50 मत ही मिलने चाहिए थे, लेकिन उन्हें 51 वोट मिले हैं।
इससे साफ हो जाता है है कि यह वोट कांग्रेस विधायक ने दिया है। कांग्रेस के 19 विधायक हैं जिसमे कांग्रेस के दो विधायक मतदान में शामिल नहीं हुए थे। इस हिसाब से यूपीए उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 17 वोट मिलने चाहिए थे, लेकिन उन्हें 15 ही वोट मिले। एक वोट निरस्त हो गया था, साफ़ है कि एक वोट किसी विधायक ने पार्टी लाइन से बाहर जाकर राजग प्रत्याशी को गया है।
पार्टी विधानमंडल दल के नेता यशपाल आर्य ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने क्रास वोटिंग की जानकारी मिलने पर नई दिल्ली में पार्टी हाईकमान को सूचित किया। हाईकमान ने इसे गंभीर मानते हुए नेता प्रतिपक्ष के माध्यम से जांच कराने को कहा है। जांच रिपोर्ट हाईकमान को भेजी जाएगी।

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