उपद्रवियों और दंगाइयों से होगी पाई पाई वसूली, सीएम धामी ने जताया राज्यपाल का आभार

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अब दंगों या विरोध-प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की पूरी वसूली की जाएगी और दंगाइयों पर आठ लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं अब दंगा नियंत्रण में लगे सरकारी अमले और अन्य कार्यों पर आने वाले खर्च की वसूला जाएगा।

चित्र साभार – सोशल मीडिया

दंगों से होने वाले नुकसान की भरपाई सरकार दंगाइयों से ही वसूलेगी, उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरमीत सिंह ने उत्तराखंड सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति क्षतिपूर्ति वसूली विधेयक को मंजूरी दे दी है। विधेयक को राजभवन से मंजूरी मिलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह का आभार जताया।

मंजूरी का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्यपाल का आभार जताया और कहा कि “इस कानून को राज्य में कड़ाई से पालन कराया जाएगा, देवभूमि उत्तराखंड में कानून व्यवस्था और स्वरूप बिगाड़ने की किसी को छूट नहीं है”

चित्र साभार – सोशल मीडिया

दरअसल, पिछले महीने गैरसैंण में हुए मानसून विधानसभा सत्र के दौरान राज्य सरकार ने प्रदेश में अध्यादेश के रूप में लागू इस कानून के लिए विधेयक पेश किया था। सदन की कार्रवाई के दौरान विधेयक सर्वसम्मति से पारित होने के बाद राज्यपाल के अनुमोदन के लिए राजभवन भेजा गया था। जिस पर राज्यपाल का अनुमोदन होने के बाद अब कानून बन गया है। इस कानून के तहत विरोध प्रदर्शन, हड़ताल, आंदोलन, दंगों और बंद के दौरान सरकारी के साथ-साथ निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों से नुकसान की वसूली की जाएगी।

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इस कानून के तहत कार्रवाई के लिए एक दावा अभिकरण का भी गठन किया जाएगा। जिस दावा अभिकरण में कोई भी व्यक्ति और सरकारी संपत्तियों का प्राधिकारी, अपना दावा पेश कर सकता है। और समय सीमा भी तय होगी जिससे कि नुकसान की भरपाई जल्द से जल्द कराई जा सकेगी। वहीं आंदोलन और बंद के दौरान हुयी टूट फूट आदि की भरपाई आंदोलन या फिर बंद का आह्वान करने वाले संबंधित व्यक्ति या नेता से की जाएगी। और 8 लाख रुपए तक का जुर्माना व दंगा नियंत्रण पर सरकारी खर्च भी देना होगा।

फ़ाइल फोटो- मलिक का बगीचा अतिक्रमण (चित्र साभार – सोशल मीडिया)

ज्ञात हो कि पिछले महीने हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में अतिक्रमण की गई जमीन पर अवैध तरीके से बनाये गये एक धार्मिक स्थल को गिराए जाने के बाद वहां दंगा भड़क गया था। दंगाइयों ने काफी उपद्रव मचाया था। दंगाइयों ने एक थाने और वहां खड़े वाहनों में भी आग लगा दी थी। घटना में 6 लोगों की जान चली गई थी। इसके अलावा कई पुलिस कर्मी और पत्रकार घायल हो गए थे।  आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा में पहले से ये कानून लागू है।


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