हरिद्वार/ करीब पौने दो महीने बाद पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन बुधवार को जेल से रिहा हो गए। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद उन्हें हरिद्वार जिला अस्पताल से भी डिस्चार्ज कर दिया गया। अस्पताल से बाहर आते ही चैंपियन ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मुझे भारतीय न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है। यह सत्य की जीत है।”

रिहाई के बाद चैंपियन अपनी पत्नी के साथ गाड़ियों के काफिले में हूटर बजाते हुए सीधे देहरादून स्थित अपने आवास के लिए रवाना हुए। उनकी रिहाई के बाद अस्पताल के बाहर समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
क्या है पूरा मामला?
पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के बीच फरवरी माह में सोशल मीडिया पर विवाद शुरू हुआ था। मामला इतना बढ़ गया कि 26 जनवरी को चैंपियन अपने समर्थकों के साथ रुड़की स्थित उमेश कुमार के कैंप कार्यालय पर पहुंचे और वहां फायरिंग व मारपीट की घटना हुई।

घटना के बाद पुलिस ने चैंपियन और उनके समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि उमेश कुमार को कोर्ट से पहले ही जमानत मिल गई थी। 27 जनवरी को चैंपियन को सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें रोशनाबाद जेल भेज दिया गया।
20 दिन जेल और 32 दिन अस्पताल में बिताए
करीब 20 दिन जेल में रहने के बाद चैंपियन की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें हरिद्वार जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां उन्होंने लगभग 32 दिन तक इलाज कराया।
कोर्ट से मिली जमानत, समर्थकों में खुशी
हरिद्वार जिला न्यायालय ने 18 मार्च को चैंपियन की जमानत याचिका मंजूर कर ली थी। इसके बाद बुधवार 19 मार्च को रोशनाबाद जेल प्रशासन ने अस्पताल पहुंचकर उनकी रिहाई की औपचारिकता पूरी की।
चैंपियन की रिहाई के बाद उनके समर्थकों में जश्न का माहौल देखने को मिला। समर्थकों का काफिला हूटर बजाते हुए अस्पताल से निकला।

आगे क्या?
इस पूरे मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों पर केस दर्ज किया था। उमेश कुमार को पहले ही जमानत मिल चुकी थी, जबकि अब चैंपियन भी रिहा हो चुके हैं। उनकी रिहाई के बाद राजनीतिक हलकों में एक बार फिर यह मामला चर्चा में आ गया है।