‘मुफ्त बिजली’ या वोट की कीमत ? बिजली गिराती ये राजनीतिक पार्टियां

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उत्तराखंड की राजनीति में आम आदमी पार्टी की एंट्री के साथ मुफ्त बिजली की एंट्री हुई है, अब राजनीतिक दलों में जनता को मुफ्त बिजली दिए जाने की होड़ लगी हुई है। सत्ता पर काबिज भाजपा हाल ही में 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की बात कर चुकी है, तो वहीं कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत 200 यूनिट तक फ्री बिजली दिए जाने की वकालत कर चुके हैं। वहीं आम आदमी पार्टी ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए उत्तराखंड में हर परिवार को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने, पुराने बिल माफ करने, 24 घंटे बिजली देने व किसानों को मुफ्त बिजली देने की घोषणा की है।

आम आदमी पार्टी के नेता व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार को अपने एकदिवसीय उत्तराखंड दौरे पर रहे, देहरादून में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उत्तराखंड आकर अच्छा लग रहा है। भगवान ने इस देवभूमि को सबकुछ दिया। यहां मेहनती, अच्छे और ईमानदार लोग हैं, लेकिन उत्तराखंड के नेताओं और पार्टियों ने इसे बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

प्रैस कांफ्रेंस में केजरीवाल ने कहा कि मैं बिजली के क्षेत्र में चार बातों की गारंटी देकर जा रहा हूं। पहली- दिल्ली की तरह उत्तराखंड में हर परिवार को 300 यूनिट बिजली फ्री देंगे। दिल्ली में 200 यूनिट फ्री है। दूसरी- हमारे कार्यकर्ता घर-घर जा रहे हैं। तमाम ऐसे बिजली बिल देखने को मिले जो गलत भेजे जा रहे हैं। लोग चक्कर काट रहे हैं। लिहाजा पुराने बिल माफ किए जाएंगे।

तीसरी- कोई पावर कट नहीं लगेगा। उत्तराखंड में 24 घंटे बिजली देंगे। दिल्ली में जब मैं सीएम बना तो गर्मियों में 8 घंटे का पावर कट होता था। हमने घर-घर जाकर काम करवाया। आज दिल्ली में 24 घंटे बिजली है। चौथी- उत्तराखंड के किसानों को मुफ्त बिजली दी जाएगी। आज किसान गरीब है। अगर उसे ये लाभ देंगे तो उसकी जिंदगी आसान होगी।

केजरीवाल ने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद पहली कलम से ये चार घोषणाएं लागू कर दी जाएगी। केवल 24 घंटे बिजली देने के मामले में 3-4 साल का समय लगेगा। मैं समझता हूं कि आज की इस घोषणा के बाद यहां के लोग खुश होंगे। उत्तराखंड की सरकार घाटे में चल रही है के सवाल पर केजरीवाल ने कहा कि जब हमारी सरकार दिल्ली में बनी थी तो वहां भी घाटे में सरकार चलती थी। आज देश में केवल दिल्ली की सरकार लाभ में है।

दिल्ली का बजट 60 हजार करोड़ है। यहां बिजली में 2200 करोड़ का खर्च आता है। उत्तराखंड के 50 हजार करोड़ बजट में से केवल 1200 करोड़ का खर्च आएगा। कहा कि गवर्नेंस के दो मॉडल हैं एक मॉडल भ्रष्टाचार का है जो यहां की पार्टियां अपना रही हैं।

दूसरा मॉडल हमारा है। हम वादा कर रहे हैं कि हमारी सरकार आई तो हम पांच साल तक टैक्स नहीं बढ़ाएंगे। कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं लगाएंगे। चोरी रोकेंगे। हम चोरी नहीं करते। हम जनता के फंड से चलने वाली पार्टी हैं।

केजरीवाल ने कहा कि आज उत्तराखंड में दो पार्टियां है। चक्की के दो पाटों की तरह इन दोनों पार्टियों के बीच में उत्तराखंड की जनता पिस रही है। दोनों पार्टियों ने आपस में सेटिंग्स कर रखी है। एक बार तुम, एक बार हम।

हालांकि केजरीवाल के इन आरोपों का कांग्रेस व भाजपा दोनों पार्टियों ने जवाब दिया है, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए एक दल आज बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर रहा है, पहले भी प्रदेश में चुनाव के समय कई पार्टियां आई और गई आप भी चुनाव लड़ने तक ही है, चुनाव के बाद समाप्त हो जाएगी।

वहीं भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष देवेन्द्र भसीन ने आम आदमी पार्टी को लेकर कहा कि आप का उत्तराखंड में कोई विजन नहीं है, ना ही अब तक उत्तराखंड के लिए कोई योगदान दिया है। अरविंद केजरीवाल का दिल्ली मॉडल भी फेल हो चुका उनके मोहल्ला क्लीनिक बंद पडे हैं। दिल्ली में कोरोना की त्राहिमाम स्थिति को केन्द्र सरकार द्वारा नियंत्रित किया गया। इसलिए प्रदेश की जनता आम आदमी पार्टी के झांसे में आने वाली नहीं है।


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