उत्तराखंड में कई जगह निकाला गया “जुलूस ए मोहम्मदी”, मोहम्मद पैगम्बर की शिक्षाओं को याद करते हुए अल्लाह की इबादत की

उत्तराखंड में कई जगह निकाला गया "जुलूस ए मोहम्मदी", मोहम्मद पैगम्बर की शिक्षाओं को याद करते हुए अल्लाह की इबादत की
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मुस्लिम समाज के पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब की यौमे पैदाइश का पर्व बारावफात के रूप में मनाया गया। इस मौके उत्तराखंड में जुलूस ए मोहम्मदी का आयोजन किया गया। इस पावन अवसर पर मुश्लिम समाज के लोगों ने मोहम्मद पैगम्बर की शिक्षाओं को याद करते हुए अल्लाह की इबादत की।

उत्तराखंड में राजधानी देहरादून समेत हल्द्वानी और रुड़की में भी जुलूस ए मोहम्मदी निकाला गया। वहीं, पिरान कलियर स्थित मदरसा दारुल उलूम कादरिया बरकते रजा की ओर से ईदमिलाद उन्नबी के मौके पर जुलूस ए मोहम्मदी निकाला गया। इसमें बड़ी संख्या में मदरसे के छात्र और जायरीनों ने शिरकत की। जुलूस मदरसे से शुरू होकर दरगाह साबिर पाक, अब्दाल साहब, इमाम साहब होते हुए वापस मदरसे पर आकर सम्पन्न हुआ। मदरसा प्रबंधक मौलाना गुलाम नबी नूरी ने देश में अमन चैन और भाईचारे के लिए दुआ की।

पथरी क्षेत्र से निकल गई तिरंगा चादर ने सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा और देशभक्ति का पैगाम दिया। इस मौके पर पैगंबर मुहम्मद साहब की तालीम पर अमल करते हुए ज्यादा से ज्यादा तालीम हासिल करने का संकल्प भी मुस्लिम समाज ने लिया। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक यह त्यौहार साल के तीसरे महीने यानी रबी उल अव्वल की 12वीं तारीख को मनाया जाता है।


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