श्रावण मास के दूसरे सोमवार को आज कावड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2022) में देश भर से लाखों की संख्या में शिव भक्त मां गंगा का जल लेने उत्तराखंड के हरिद्वार (Haridwar Kanwar Yatra 2022) पहुंच रहे हैं। हर तरफ बम-बम भोले के जयकारे और डीजे की धुन से पूरी धर्मनगरी शिवमय हो गई।
मान्यता है कि भगवान शिव को सोमवार का दिन सबसे ज्यादा प्रिय होता है इसलिए इस दिन शिव की भक्ति और उनका जलाभिषेक करने पर शिव की अपार कृपा मिलती है। हर तरफ बम-बम भोले के जयकारे और डीजे की धुन से पूरी धर्मनगरी शिवमय हो गई।
कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किये गए हैं, हरकी पैड़ी और घाटों पर स्पेशल कमांडो तैनात किए हैं, हरकी पैड़ी से लेकर मेला क्षेत्र और कांवड़ रूट पर चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा कर्मी हैं। इनमें केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों और पीएसी की करीब 19 कंपनियों के अलावा स्थानीय पुलिस तैनात है। कुल तैनात फोर्स की संख्या करीब दस हजार से अधिक है। पुलिस की निगाहें चप्पे चप्पे पर हैं।
कांवड़ियों की भीड़ के आगे यातायात पुलिस भी बेबस नज़र आयी, कावंड़ियों का सैलाब थमते नहीं बन रहा था। शनिवार के बाद रविवार को भी हाईवे पर लगे छह किमी के जाम को खुलवाने में पुलिसकर्मी पसीना-पसीना हो गए। वे घंटों तक भी जाम नहीं खुलवाए पाए। हालांकि पुलिस ने संभाला मोर्चा संभाला हुआ था मगर उनके तमाम प्रयास भी नाकाफी नज़र आये।
बाइकर्स कांवड़ यात्रियों और डाक कांवड़ के रूप में ट्रक, ट्रैक्टर ट्राली, लोडर, आटो, विक्रम, ई रिक्शा आदि वाहनों पर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों से हर घंटे लाखों कांवड़ यात्री हरिद्वार पहुंच रहे हैं। हरकी पैड़ी के ब्रह्मकुंड, मालवीय घाट, कांगड़ा घाट, नाईसोता घाट, सुभाष घाट, बिरला घाट पर कांवड़ यात्रियों की जबरदस्त भीड़ है।
हिंदुओं की आस्था की प्रतीक भगवान् शिव के ज्योतिर्लिंग पर गंगाजल अर्पित करने की परंपरा को कांवड़ यात्रा कहा जाता है। पैदल यात्रा करते हुए और पवित्र स्थान से जल अपने कंधे पर लाकर भगवान् शिव को सावन के महीने में अर्पित किया जाता है। कांवड़ यात्रा के दौरान भक्त बम-बम भोले के जयकारे लगाते हुए पैदल यात्रा करते हैं। धार्मिक शास्त्रों में मान्यता है कि कांवड़ यात्रा करने वाले भक्तों को अश्वमेघ यज्ञ जितना फल प्राप्त होता है।