“करवा चौथ” 2023 मुहूर्त-पूजा विधि और इस दिन भूलकर भी न करें ये 7 काम, एक क्लिक मे जाने सब कुछ—

Spread the love

इस साल करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर बुधवार को है। अखंड सौभाग्य की कामना से रखा जाने वाला करवा चौथ व्रत कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि को होता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। क्या आप जानते हैं कितना पुराना है करवा चौथ और कैसे हुई इसकी शुरुआत ? एक क्लिक मे जाने सब कुछ— मुहूर्त-पूजा विधि और इस दिन भूलकर भी न करें ये 7 काम“करवा चौथ” शब्द दो शब्दों “करवा” यानी मिटटी का बर्तन और “चौथ” यानी चतुर्थी दो शब्दों से मिलकर बना है। यहाँ मिट्टी के बर्तन “करवा” का विशेष महत्व माना गया है। पति की लंबी आयु की कामना से पत्नी द्वारा रखा जाने वाले करवा चौथ व्रत की महिमा अपार है। मान्‍यता है कि इस व्रत को करने से पति को न केवल लंबी आयु मिलती है बल्कि वह निरोगी भी रहता है। साथ ही पति-पत्नी के बीच असीम प्रेम होता है।

मान्‍यता है कि सबसे पहले यह व्रत शक्ति स्वरूपा देवी पार्वती ने भोलेनाथ के लिए रखा था। इसी व्रत से उन्‍हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति हुई थी। इसलिए सुहागिनें अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना से यह व्रत करती हैं और देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं। इसके अतिरिक्त भी कई प्रसंग में कई जगह इससे जुड़ी अन्य कथाएं भी प्रचलित हैं।

इस बार करवा चौथ व्रत 13 घंटे 42 मिनट की अवधि का होगा। सूर्योदय से चंद्रोदय तक यह व्रत रखते हैं। इस बार करवा चौथ पर चंद्रोदय रात 08 बजकर 26 मिनट पर होगा।

करवा चौथ व्रत समय – सुबह 06:36 -रात 08:26

करवा चौथ पूजा मुहूर्त – शाम 05.44 – रात 07.02 (1 नवंबर 2023)

चांद निकलने का समय – रात 08:26 (1 नवंबर 2023)

आईये जानते हैं इसके विधि-विधान—-

करवा चौथ का व्रत सुबह सूर्योदय से शुरू होता है और शाम को चांद निकलने तक रखा जाता है। करवा चौथ के दिन स्त्रियां शाम को चौथ माता, करवा माता और गणपति की पूजा करती है और चंद्रोदय के बाद चंद्रदेव को अर्घ्य दिया जाता है।

1. अन्न और जल ग्रहण न करें–
करवा चौथ का व्रत निर्जला होता है। सूर्योदय से पूर्व सरगी खाकर व्रत रखते हैं और पूरे दिन अन्न-जल का त्याग करते हैं। यह एक निराहार व्रत है। इस दिन गलती से भी अन्न और जल ग्रहण न करें, वरना आपका व्रत टूट जाएगा और आपको व्रत का फल प्राप्त नहीं होगा।

2. सुहाग सामग्री का दान न करें–
करवा चौथ का व्रत अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाता है, इसलिए उस दिन स्वयं उपयोग की गई सुहाग से जुड़ी सामग्री जैसे सिंदूर, बिंदी, चूड़ी, महावर, मेहदी आदि का दान किसी को न करें।

3. चंद्र अर्घ्य के बिना पारण न करें–
करवा चौथ व्रत में चंद्रोदय के समय छलनी से चांद को देखा जाता है और चंद्रमा को अर्घ्य देते हैं। उसक बाद पति के हाथों जल ग्रहण करके व्रत का पारण करते हैं। उस दिन आप बिना चंद्रमा की पूजा और अर्घ्य दिए पारण न करें। यदि आपके शहर में किसी कारणवश चांद न दिखे तो ज्योतिष उपाय करके पूजा और अर्घ्य दें। उसके बाद पारण करें।

4. दिन में न सोएं–
करवा चौथ व्रत रखने वाली महिलाओं को दिन में सोना नहीं चाहिए। व्रत रखकर सोने से व्रत का फल प्राप्त नहीं होता है। वह निष्फल हो जाता है और दोष भी लगता है। करवा चौथ समेत सभी व्रतों में यह नियम लागू होता है। हालांकि जिनको स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, उनको छूट होती है।

5. काले कपड़े न पहनें–
करवा चौथ अखंड सुहाग और सुखी दांपत्य का प्रतीक है। उस दिन काले रंग के कपड़े न पहनें। काले रंग को नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। उस दिन आप लाल, गुलाबी, पीले, हरे रंग के कपड़े पहन सकती हैं। लाल और गुलाबी को ज्यादा शुभ माना जाता है।

6. करवा चौथ व्रत कथा–
करवा चौथ की पूजा उसके व्रत के बिना अधूरी होती है। जब आप शाम के समय में माता गौरी की पूजा करें तो करवा चौथ की व्रत कथा सुनना न भूलें। कथा सुनने से व्रत पूरा होगा और उसका महत्व भी पता चलेगा।

7. सास को पूजा और सुहाग की सामग्री देना न भूलें–
करवा चौथ की पूजा के बाद अपनी सास को पूजा और सुहाग की सामग्री देना न भूलें। यदि आप ऐसा करती हैं तो वे खुश होकर आपको अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद देंगी। आपके पति की आयु बढ़ेगी।

अगर आप पहली बार करवा चौथ मना रही हैं, तो इस दिन आप शादी का जोड़ा भी पहन सकती है। ऐसा करना शुभ माना जाता है।

NOTE- यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि THEMOUNTAINSTORIES.COM किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।


Spread the love