देहरादून में राष्ट्रीय चिंतन शिविर: मुख्यमंत्री धामी बोले – बीते दशक में 30 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए

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देहरादून, 8 अप्रैल/ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार की प्रभावशाली नीतियों के चलते पिछले दस वर्षों में देशभर में करीब 30 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकलने में सफल रहे हैं। मुख्यमंत्री सोमवार को देहरादून में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन शिविर को संबोधित कर रहे थे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उत्तराखंड के लिए गर्व की बात है कि सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण विषय पर राष्ट्रीय स्तर का यह शिविर राज्य में आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह शिविर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों का विस्तार है और इससे भविष्य में सामाजिक सशक्तिकरण की नीतियों के लिए ठोस रोडमैप तैयार होगा।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में देश “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है। पहले जहां समाज कल्याण विभाग सीमित दायरे में कार्य करता था, वहीं अब बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों को पेंशन, छात्रों को छात्रवृत्ति, अति पिछड़े वर्गों को स्वरोजगार के अवसर और नशे की लत से पीड़ितों के लिए पुनर्वास सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

धामी ने बताया कि राज्य सरकार भी सामाजिक न्याय को धरातल पर उतारने के लिए कई कदम उठा रही है। वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत अब पति-पत्नी दोनों को पेंशन दी जा रही है। योजनाओं का भुगतान मासिक आधार पर ऑनलाइन किया जा रहा है। अंत्योदय परिवारों को साल में तीन गैस सिलेंडर मुफ्त दिए जा रहे हैं। अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के बच्चों को छात्रवृत्ति, छात्रावास, आवासीय विद्यालय, आईटीआई जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क कोचिंग और छात्रवृत्ति भी दी जा रही है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अनुसूचित वर्गों के बेघर परिवारों को अटल आवास योजना के तहत 1.20 लाख रुपये की सहायता दे रही है। साथ ही प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत उत्तराखंड के 128 जनजातीय गांवों का चयन किया गया है।

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उन्होंने बताया कि दिव्यांगों को सरकारी नौकरियों में 4% आरक्षण दिया जा रहा है और “नशा मुक्ति देवभूमि अभियान” को मिशन मोड में चलाया जा रहा है। हल्द्वानी में नशा मुक्ति केंद्र प्रारंभ किया जा चुका है और अन्य जिलों में भी इसकी योजना बनाई जा रही है। भिक्षावृत्ति में संलिप्त बच्चों को स्कूल भेजने और युवाओं को कौशल विकास के जरिए रोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। केंद्र सरकार की SMILE योजना के अंतर्गत प्रदेश के चार शहरों को चयनित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने देशवासियों को आगामी चारधाम यात्रा के लिए आमंत्रित करते हुए बताया कि इस वर्ष से राज्य में शीतकालीन यात्रा की भी शुरुआत की गई है, जिसे स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने हर्षिल में पहुंचकर प्रोत्साहित किया है।

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इससे पूर्व केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि वंचित वर्गों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने में राज्यों की भूमिका बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि चिंतन शिविर का उद्देश्य केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है। उन्होंने बताया कि देहरादून के शिविर में 15 राज्यों का प्रतिनिधित्व होना इस दिशा में शुभ संकेत है।

केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा और रामदास अठावले ने भी शिविर में भाग लिया और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर बल दिया। अठावले ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह वंचित तबके को न्याय दिलाने में निर्णायक भूमिका निभाए।

इस राष्ट्रीय शिविर में विभिन्न राज्यों के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए और सामाजिक न्याय से जुड़े विषयों पर विचार-विमर्श किया गया।


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