प्रदेश में अब कोरोना के मामलों में काफी कमी आई है, और मृ्त्यु दर भी लगभग थम सी गई है। ऐसे में अब शिक्षा विभाग चाहता है लंबे समय से बंद पड़े स्कूलों को जल्द खोलने पर विचार किया जाए,शिक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव भी सरकार के पास भेजा है। लेकिन सरकार डेल्टा प्लस वेरिएंट व संभावित तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए कोई खतरा नहीं उठाना चाहती, इसलिए सरकार ने अभी तक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर कोई फैसला नहीं लिया है। वहीं स्कूल खोलने पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने साफ किया है कि हालात सामान्य होने पर ही स्कूल-कॉलेज खोलने का फैसला लिया जाएगा।
भाजपा के चिंतन शिविर में रामनगर पहुंचे मुख्यमंत्री ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हालात सामान्य होने पर ही स्कूल और कॉलेज खोले जाएंगे, उन्होंने कहा कि सरकार को विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की चिंता है। फिलहाल तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार तैयारियां चाक-चौबंद कर रही है, नए कोविड अस्पताल बनाए जा रहे हैं। संक्रमण के खतरे को देखते ही हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं रद्द करनी पड़ी। सरकार विद्यार्थियों की चिंता कर रही है, तभी स्कूल और कॉलेज बंद किए गए हैं, ताकि संक्रमण का प्रसार रोका जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू से संक्रमण दर काफी हद तक कम हुई है, संकट कम हुआ तो स्कूल-कॉलेज खोलने पर निर्णय लिया जाएगा। हालांकि ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्थाएं चल रही हैं। हालात सामान्य होते ही स्कूल कॉलेजों को खोलकर विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा।
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