देवस्थानम बोर्ड की नियमावली में होगा संशोधन-मुख्यमंत्री कि बड़ी घोषणा

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उत्तराखंड के चारों धामों- यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ में लगातार चल रहे देवस्थानम बोर्ड के विरोध के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर धामी आज उत्तरकाशी में आपदा पीड़ितों से मिलने पहुंचे और वहां का हाल जाना इसी दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पत्रकारों से वार्ता में देवस्थानम बोर्ड को लेकर बड़ी घोषणा की है कि सरकार देवस्थानम बोर्ड एक्ट में संशोधन के पक्ष में है। इसके लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित की जा रही है। यह कमेटी सभी से चर्चा के बाद संस्तुति देगी। इसी के आधार पर आगे निर्णय लिया जाएगा। धामी कहते हैं कि चारधाम के पुरोहितों के प्रतिनिधिमंडल की मांग पर यह निर्णय किया गया है कि सरकार देवास्थानम बोर्ड नियमावली में संशोधन करेगी।

वार्ता में आगे धामी ने कहा कि बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों व हक हुकूकधारियों में संशय बना हुआ है। उन्हें लग रहा है कि सरकार मंदिरों पर अपना अधिकार करना चाह रही है। सीएम ने कहा कि सरकार का उद्देश्य मंदिरों व धामों में बेहतर व्यवस्थाएं बनाना है। राज्य के लिए चारधाम यात्रा आर्थिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण है। राज्य के सभी वर्गों का हित और विकास इससे जुड़ा है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि इस आर्थिक गतिविधि को नया आयाम देते हुए स्थानीय व्यवसायियों वह हक हकूक धारियों के हक पर प्रतिकूल प्रभाव ना पढ़ने दिया जाए सभी हित धारकों से हमने विचार विमर्श किया है हमारी सरकार देवस्थानम बोर्ड को लेकर सकारात्मक परिवर्तन के पक्ष में है।

सीएम पुष्कर सिंह धामी के देवस्थानम बोर्ड नियमावली पर संशोधन के ऐलान के बाद तीर्थ पुरोहितों ने खुशी जताई है।तीर्थ पुरोहितों ने इसके लिए सीएम धामी का आभार जताया है और कहा कि हमें आशा है कि सीएम धामी इस काले कानून को जरुर हटाएंगे वही गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने सीएम पुष्कर सिंह धामी के चारधाम देवस्थानम बोर्ड पर उच्च स्तरीय कमेटी बनाने का आश्वासन दिए जाने का स्वागत किया है गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने कहा कि बोर्ड पर पुनर्विचार के लिए उच्चस्तरीय कमेटी का गठन होते ही वह अपना आंदोलन समाप्त कर देंगे।

गौरतलब है कि बता दें कि वर्ष 2020 में 15 जून 2020 के गजट नोटिफिकेशन के बाद त्रिवेंद्र सरकार में देवस्थानम बोर्ड अस्तित्व में आया था. जिसके अंतर्गत उत्तराखंड के चारों धामों सहित 51 मंदिरों को लिया गया है. देवस्थानम बोर्ड के अस्तित्व में आने के बाद चारों धामों से जुड़े तीर्थ पुरोहित लगातार इसका विरोध कर रहे हैं और बोर्ड को भंग करने की मांग कर रहे हैं।

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