टीबी उन्मूलन में उत्तराखंड को राष्ट्रीय सम्मान, ‘टीबी मुक्त पंचायत पहल’ में उत्कृष्ट प्रदर्शन

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नई दिल्ली/देहरादून/ उत्तराखंड को विश्व क्षय रोग (टीबी) दिवस के अवसर पर विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय समारोह में टीबी उन्मूलन के तहत ‘टीबी मुक्त पंचायत पहल’ में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह प्रतिष्ठित सम्मान केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), उत्तराखंड की मिशन निदेशक स्वाति एस. भदौरिया को प्रदान किया गया।

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टीबी उन्मूलन में उत्तराखंड की बड़ी उपलब्धि

उत्तराखंड सरकार की टीबी उन्मूलन के प्रति प्रतिबद्धता और जमीनी स्तर पर किए जा रहे प्रभावी प्रयासों को इस सम्मान के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। यह पुरस्कार प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय प्रशासन, आशा कार्यकर्ताओं, पंचायती राज संस्थाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और समुदाय के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है।

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समारोह में वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी

यह कार्यक्रम स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें स्वास्थ्य सचिव, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक, विभिन्न राज्यों के एनएचएम मिशन निदेशक, केंद्रीय टीबी प्रभाग के अधिकारी एवं अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इस उपलब्धि से उत्तराखंड राज्य के स्वास्थ्य कर्मियों का मनोबल बढ़ा है और यह पहल टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने में एक मील का पत्थर साबित होगी।

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टीबी उन्मूलन को जन आंदोलन बनाने की रणनीति

मिशन निदेशक स्वाति एस. भदौरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के नेतृत्व में राज्य में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। उन्होंने बताया कि ‘टीबी मुक्त पंचायत पहल’ के तहत जमीनी स्तर पर व्यापक जागरूकता, त्वरित पहचान, बेहतर उपचार और समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं।

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उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में टीबी उन्मूलन को एक जन आंदोलन का रूप दिया गया है, जिसमें ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाकर टीबी की निगरानी और नियंत्रण करने में उनकी भूमिका को बढ़ाया गया है। इसके अलावा, ‘निक्षय मित्र योजना’ के माध्यम से निजी संगठनों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जोड़ा गया, जिससे मरीजों को पोषण और सामाजिक सहायता प्राप्त हुई।

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प्रभावी ट्रैकिंग सिस्टम और बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण अपनाया गया

राज्य में टीबी उन्मूलन के लिए प्रभावी ट्रैकिंग सिस्टम और मल्टी-सेक्टोरल एप्रोच को अपनाया गया है, जिससे मरीजों की पहचान, इलाज और पुनर्वास की प्रक्रिया को मजबूत किया गया है। इस उपलब्धि से उत्तराखंड स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई पहचान स्थापित करने में सफल रहा है और यह पहल देश के अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणादायक सिद्ध होगी।


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