उत्तराखंड का अब तक का सबसे बड़ा चिटफंड घोटाला: LUCC कंपनी ने उड़ाए 189 करोड़, सीबीआई जांच की सिफारिश, सियासत गरमाई

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उत्तराखंड का अब तक का सबसे बड़ा चिटफंड घोटाला: LUCC कंपनी ने उड़ाए 189 करोड़, सीबीआई जांच की सिफारिश, सियासत गरमाई

देहरादून, 28 जुलाई — उत्तराखंड में लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसायटी (LUCC) द्वारा किए गए बड़े पैमाने के चिटफंड घोटाले ने राज्य को झकझोर कर रख दिया है। कंपनी पर प्रदेशभर के हजारों लोगों से धोखाधड़ी कर करीब 189 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप है। निवेशकों की गाढ़ी कमाई हड़प कर कंपनी के कर्मचारी और संचालक विदेश फरार हो गए हैं। इस गंभीर मामले में अब सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी गई है, और जरूरत पड़ने पर इंटरपोल की मदद लेने की भी बात कही जा रही है।

बैंकिंग व्यवस्था की कमजोरी का उठाया फायदा

LUCC कंपनी ने उत्तराखंड के दूरदराज क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधा की कमी का फायदा उठाया। वर्ष 2014 से यह कंपनी लोगों को पैसा दोगुना करने और अधिक ब्याज देने का झांसा देकर निवेश करवाती रही। शुरुआत में कुछ लोगों को लाभ देकर कंपनी ने भरोसा जीता और फिर स्थानीय एजेंटों के माध्यम से बड़े स्तर पर रकम जुटाई। लेकिन 2023 में कंपनी फरार हो गई, जिससे हजारों परिवारों की जीवन भर की कमाई डूब गई।

अब तक 13 मुकदमे दर्ज, 10 गिरफ्तारियां

अब तक देहरादून, पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जिलों में कंपनी के खिलाफ 13 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। पौड़ी पुलिस ने 10 लोगों की गिरफ्तारी भी की है और आगे और गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।

मुख्यमंत्री ने CBI जांच की सिफारिश की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए CBI जांच की सिफारिश की है। उन्होंने कहा,

“LUCC घोटाले में निवेशकों के साथ धोखा हुआ है। राज्य सरकार पीड़ितों का पैसा वापस दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। जरूरत पड़ी तो इंटरपोल की मदद भी ली जाएगी।”

धामी ने यह भी बताया कि पुलिस जांच रिपोर्ट गृह विभाग को सौंपी जा चुकी है, जिसके बाद सीबीआई जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

विपक्ष का सरकार पर हमला

इस मुद्दे पर राजनीति भी गरमा गई है। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने आरोप लगाया कि,

“यह घोटाला सरकार के संरक्षण में हुआ है। अब जब मामला विकराल हो गया, तब जाकर सरकार ने सीबीआई जांच की बात की है। मुख्यमंत्री और सांसदों के बीच कोई तालमेल नहीं है।”

उत्तराखंड क्रांति दल (UKD) ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सीबीआई जांच की सिफारिश बहुत पहले हो जानी चाहिए थी। UKD के केंद्रीय महामंत्री किरण रावत ने कहा,

“भ्रष्टाचार के पीछे किसी बड़े नाम का हाथ है, इसी वजह से कार्रवाई में देरी की गई।”

बीजेपी का जवाब: दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा

वहीं भाजपा ने इस घोटाले को गंभीर मानते हुए सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। प्रदेश प्रवक्ता हनी पाठक ने कहा,

“मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह ने भी सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।”

LUCC घोटाला उत्तराखंड के इतिहास में सबसे बड़ा चिटफंड घोटाला माना जा रहा है। यह मामला न सिर्फ वित्तीय धोखाधड़ी का प्रतीक बन गया है, बल्कि राज्य में वित्तीय निगरानी प्रणाली की विफलता और नीति निर्धारण की कमजोरी को भी उजागर करता है। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या सीबीआई और इंटरपोल की जांच से पीड़ितों को उनका पैसा वापस मिल सकेगा, और क्या दोषियों को सज़ा मिल पाएगी?


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