उत्तराखण्ड की झांकी “मानसखंड” को देश में मिला प्रथम स्थान, झांकी का थीम सॉन्ग “जय हो कुमाऊं, जय हो गड़वाला”

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सरकार समाचार 74वें गणतंत्र दिवस परेड में कर्तव्य पथ पर प्रदर्शित उत्तराखण्ड की झांकी “मानसखंड” को देश में प्रथम स्थान मिला है आपको बता दें राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करने के बाद गणतंत्र दिवस की यह पहली परेड थी, जिसमे उत्तराखंड की झांकी “मानसखंड” ने देश में प्रथम स्थान प्राप्त कर उत्तराखंड राज्य का नाम इतिहास में दर्ज कर दिया है। मानसखंड को प्रथम स्थान मिलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि हम सबके लिए गौरवशाली पल है।

सीएम धामी ने कहा की, प्रधानमंत्री ने हमेशा अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करने की बात कही है। सांस्कृतिक नवजागरण की दिशा में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार द्वारा मानसखण्ड कॉरिडोर के माध्यम से प्रदेश के पौराणिक स्थलों को विकसित किया जा रहा है। मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना भी इसी दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराणों में गढ़वाल का केदारखंड और कुमाऊं का मानसखंड के रूप में वर्णन किया गया है। स्कंदपुराण में मानसखंड के बारे में बताया गया है। जागेश्वर मंदिर की बहुत धार्मिक मान्यता है।

आपको बता दें गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर निकाली गई झांकी ‘मानसखण्ड’ में प्रसिद्ध पौराणिक जागेश्वर धाम और देवभूमि के वैभवशाली सांस्कृतिक गौरव को दर्शाया गया था। झांकी में उत्तराखंड का प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क, बारहसिंगा, उत्तराखंड का राज्य पशु कस्तूरी मृग, गोरल, देश का राष्ट्रीय पक्षी मोर, उत्तराखंड के प्रसिद्ध पक्षी घुघुती, तीतर, चकोर, मोनाल और उत्तराखंड की प्रसिद्ध ऐपन कला को प्रदर्शित किया गया था । झांकी के आगे और पीछे उत्तराखंड का नाम भी ऐपन कला से लिखा गया था। जागेश्वर धाम के मंदिर घनघोर देवदार के वृक्षों के बीच में है। इसलिए झांकी में मंदिर के आगे और पीछे घनघोर देवदार के वृक्षो को दर्शाया गया था।

झांकी में उत्तराखंड की कला और संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए झांकी के थीम सांग “जय हो कुमाऊं, जय हो गड़वाला” पर उत्तराखंड के प्रसिद्ध छोलिया नृत्य का उत्कृष्ट प्रदर्शन था। उत्तराखंड को देवभूमि के साथ ही योग भूमि भी कहा जाता है। इसीलिए, झांकी के ऊपर कलाकारों को योग करते हुए भी दर्शाया गया था, साथ ही आपको बता दें झांकी का विषय सीएम धामी ने ही सुझाया था और उन्होंने मंदिर माला मिशन के अंतर्गत मानसखंड के रूप में इस विषय का सुझाव दिया था। साथ ही आपको ये भी बता दें जब दिल्ली कैंट में गणतंत्र दिवस से पहले झांकी का निर्माण किया जा रहा था तो सीएम धामी ने खुद दिल्ली जाकर झांकी का निरीक्षण किया था और झांकी का निरीक्षण करते हुए उन्होंने झांकी को उत्कृष्ट एवं राज्य की संस्कृति के अनुरुप निर्माण के सुझाव भी दिए थे तथा झांकी के कलाकारों से मिलकर उनको शुभकामनाएं दी थी l


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