मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में लिए गए विकासपरक निर्णय
देहरादून, 11 जून / मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में राज्य के विकास से जुड़े छह महत्वपूर्ण प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। बैठक में जैव प्रौद्योगिकी, खनन, पर्यावरण संरक्षण, बुनियादी ढांचा, महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य शिक्षा से संबंधित अहम निर्णय लिए गए।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री के सचिव शैलेश बगोली ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान इन प्रस्तावों की जानकारी दी। बैठक में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, सौरभ बहुगुणा और धन सिंह रावत भी मौजूद रहे।
कैबिनेट के मुख्य निर्णय:
1. जैव प्रौद्योगिकी परिषद में नियमावली को मंजूरी:
उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद के अंतर्गत संचालित दो केंद्रों के लिए पहले से सृजित 46 पदों की संचालन व्यवस्था को लेकर सेवा नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी मिली। इससे इन केंद्रों के संचालन में पारदर्शिता और दक्षता आएगी।
2. खनन विभाग में 18 नए पद स्वीकृत:
हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार खनन विभाग, विशेषकर बागेश्वर क्षेत्र में निगरानी और निरीक्षण को सशक्त बनाने के लिए 18 नए पद सृजित करने को स्वीकृति दी गई।
3. आसन बैराज को ‘वेटलैंड जोन’ घोषित किया गया:
कैबिनेट ने उत्तराखंड बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण अधिनियम 2012 के तहत भट्टाफॉल से लेकर आसन बैराज तक 53 किमी लंबे क्षेत्र को ‘वेटलैंड ज़ोन’ घोषित करने की अधिसूचना को मंजूरी दी। यह क्षेत्र जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
4. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं के निर्माण को स्वीकृति:
देहरादून की रिस्पना और बिंदाल नदियों के बाढ़ परिक्षेत्र में एसटीपी, मोबाइल टावर, रोपवे टावर, एलीवेटेड रोड और हाईटेंशन बिजली लाइन जैसे निर्माण कार्यों की अनुमति दी गई, जिससे शहरी बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी।
5. PWD निरीक्षण भवन होंगे विश्वस्तरीय गेस्ट हाउस:
रानीखेत, उत्तरकाशी, दुगलबिट्टा, हर्षिल और ऋषिकेश में स्थित PWD के निरीक्षण भवनों को PPP मॉडल के तहत विश्वस्तरीय गेस्ट हाउस के रूप में विकसित किया जाएगा।
6. पैरा मेडिकल शिक्षा को मिला नया ढांचा:
उत्तराखंड में पैरा मेडिकल स्नातक व डिप्लोमा पाठ्यक्रमों को नियंत्रित करने के लिए नेशनल कमीशन फॉर एलाइड एंड हेल्थ केयर प्रोफेशन एक्ट 2021 के तहत उत्तराखंड राज्य सैबत्त एवं स्वास्थ्य देखरेख परिषद (Council) के गठन को मंजूरी दी गई। इससे पाठ्यक्रमों के मानकीकरण, प्रवेश, पंजीकरण और नियमन में एकरूपता लाई जा सकेगी।
7. महिला सशक्तिकरण को नई ताकत:
महिला एवं बाल विकास विभाग को आबकारी विभाग से प्राप्त एक प्रतिशत सेस की राशि के उपयोग के लिए नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है, जिससे महिला कल्याण योजनाओं को गति मिलेगी।
इन फैसलों को राज्य सरकार के व्यापक विकास दृष्टिकोण और प्रशासनिक पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया है कि सरकार जनता के हित में त्वरित, दूरदर्शी और निर्णायक कार्यवाही कर रही है।
(The Mountain Stories रिपोर्ट)