कारगिल विजय दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक स्थल पर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने शहीदों के परिजनों व वीरांगनाओं को सम्मानित भी किया।
‘जिनके सिंहनाद से सहमी धरती रही अभी तक डोल, कलम, आज उनकी जय बोल’
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत रामधारी सिंह दिनकर की इस कविता से की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत माता की आन, बान, शान की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च न्योछावर करने वाले वीर सपूतों को नमन। कारगिल में देश के वीरों का सिंहनाद आज भी उसी वेग से गूंज रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की सेना ने अपने शौर्य और पराक्रम से हमेशा देश का मान बढ़ाया है। कारगिल युद्ध में बड़ी संख्या में उत्तराखंड के सपूतों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। राज्य सरकार सैनिकों, पूर्व सैनिकों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध में बड़ी संख्या में उत्तराखंड के सपूतों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। राज्य सरकार सैनिकों, पूर्व सैनिकों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है। भारत की सेना ने अपने शौर्य और पराक्रम से हमेशा देश का मान बढ़ाया है। हमें अपने जवानों की वीरता पर गर्व है। भारतीय सेना के वीर जवानों ने कारगिल में विपरीत परिस्थितियों में भी दुश्मन को भागने पर मजबूर किया था। कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा।उन्होंने कहा कि पहले सेना को एक गोली तक चलाने की छूट नहीं थी। आज सेना गोली का जवाब गोले से देती है।
अब अगर सेना पर एक गोली चलती है तो उसका जवाब सर्जिकल स्ट्राइक से दिया जाता है। सेना का मनोबल बढ़ा है।पीएम मोदी के नेतृत्व में देश सशक्त हुआ है। आज कोई हमारी तरफ आंख उठाकर नहीं देख सकता।