चमोली: गोविंदघाट में भूस्खलन से पुल ध्वस्त, हेमकुंड साहिब व फूलों की घाटी का संपर्क कटा

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चमोली जिले के गोविंदघाट में बुधवार सुबह बड़ा हादसा हुआ। अचानक पहाड़ी का एक हिस्सा टूटकर गिरने से हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी को जोड़ने वाला पुल क्षतिग्रस्त हो गया। इस घटना से पुलना, भ्यूंडार, घांघरिया और अन्य गांवों का संपर्क कट गया है। वहीं, कई वाहन अलकनंदा नदी के उस पार फंसे हुए हैं।

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प्रशासन की त्वरित कार्रवाई—
चमोली के जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी ने बताया कि भूस्खलन के कारण पीडब्लूडी का पुल क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे आवाजाही बाधित हो गई है। प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है और राहत कार्य में जुटी हुई है। प्राथमिकता पुलना गांव के 200-250 निवासियों तक आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इसके लिए वैकल्पिक पैदल मार्ग बनाया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को भोजन, स्वास्थ्य सेवाएं और संचार सुविधा (सैटेलाइट फोन) उपलब्ध कराई जा सके।

लापता व्यक्ति की तलाश जारी—
भूस्खलन के समय एक व्यक्ति अपने दुपहिया वाहन से पुल पार कर रहा था, जो अब लापता है। एसडीआरएफ, पुलिस और प्रशासन की टीम उसकी तलाश में जुटी हुई है। बताया गया कि लापता व्यक्ति एक ठेकेदार था, जो पुलना से मजदूरों को छोड़कर वापस लौट रहा था।

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यात्रा से पहले स्थायी पुल बनाने की योजना—
चमोली प्रशासन ने संबंधित विभागों को जल्द समाधान निकालने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि शाम तक पुनर्निर्माण की योजना पर निर्णय लिया जाएगा। गौरतलब है कि 25 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने हैं, ऐसे में पुल का ध्वस्त होना यात्रियों के लिए बड़ी समस्या बन सकता है।

मौसम खराब, हिमस्खलन का खतरा—
चमोली जिले में मंगलवार को भी खराब मौसम बना रहा। बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब और औली में बर्फबारी हुई, जबकि निचले इलाकों में बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने 8 मार्च से फिर से मौसम बिगड़ने की संभावना जताई है, जिससे हालात और गंभीर हो सकते हैं।

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स्थानीय लोगों को हो रही परेशानी—
गोविंदघाट-पुलना मार्ग के कट जाने से स्थानीय ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई है। तीन दिनों से कई गांवों में बिजली आपूर्ति ठप है। वहीं, जोशीमठ प्रशासन और लोक निर्माण विभाग स्थिति को सामान्य करने में जुटा हुआ है।

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2015 में बना था यह पुल—
बताया जा रहा है कि 2015 में इस पुल का निर्माण किया गया था। यह पुल हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी और कागभुसंडी जैसे धार्मिक व ट्रैकिंग स्थलों को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग था। इसके क्षतिग्रस्त होने से यात्री और स्थानीय लोग प्रभावित हो सकते हैं।

प्रशासन की अपील—
प्रशासन ने स्थानीय लोगों और यात्रियों से अफवाहों से बचने और सावधानी बरतने की अपील की है। साथ ही, जल्द ही वैकल्पिक मार्ग और स्थायी पुल के निर्माण की जानकारी साझा करने का आश्वासन दिया है।


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