उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में इन दिनों ततैयों के हमले का खौफ लगातार बढ़ता जा रहा है। टिहरी जिले के जौनपुर ब्लॉक के रियाट गांव में हाल ही में एक बुजुर्ग व्यक्ति की ततैयों के हमले से मौत हो गई, जिसने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। सुरजन सिंह राठौर नामक 67 वर्षीय बुजुर्ग अपने मवेशियों को चराने जंगल की ओर गए थे, जहां उन पर ततैयों के झुंड ने अचानक हमला कर दिया। इस जानलेवा हमले में सुरजन सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज के लिए अस्पताल ले जाते समय उनकी मृत्यु हो गई। सुरजन सिंह के भाई राय सिंह पर भी ततैयों ने हमला किया, जिनका अब मसूरी अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस घटना के बाद गांव में मातम पसर गया है।
यह पहली घटना नहीं है। टिहरी जिले के जौनपुर क्षेत्र में हाल ही में लगातार ततैयों के हमले की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इससे पहले भी 29 सितंबर को ग्राम तुनेटा में ततैयों के हमले में एक पिता-पुत्र की दर्दनाक मौत हो गई थी। इन हमलों से स्थानीय लोगों में ततैयों के प्रति भय बढ़ता जा रहा है।
इसी तरह सीमांत जिले पिथौरागढ़ में भी कुछ दिनों पहले नेपाल सीमा से सटे बैतड़ी जिले में ततैयों ने एक परिवार पर हमला किया था, जिसमें दो बच्चों की मौत हो गई और एक बच्चा व दो महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना के बाद वहां भी दहशत का माहौल है।
पुलिस उप निरीक्षक आनंद सिंह रावत ने बताया कि सूचना मिलते ही घायलों को निजी वाहन से मसूरी अस्पताल ले जाया गया था। उन्होंने बताया कि पहाड़ी इलाकों में ततैयों के झुंड के अचानक हमले की घटनाएं आम होती जा रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जंगल में मवेशियों को चराने जाने वाले ग्रामीण हर वक्त ततैयों के खतरे से चिंतित रहते हैं। डॉक्टर मीता श्रीवास्तव ने बताया कि ततैयों के हमले के शिकार मरीज गंभीर हालत में पहुंच रहे हैं और कई मामलों में उनकी जान नहीं बचाई जा सकी है।
उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में, खासकर पहाड़ों में, आये दिन हो रही इन घटनाओं ने न केवल जनहानि बढ़ा दी है, बल्कि लोगों को भी सतर्क कर दिया है।