उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पहली बार विश्व आयुर्वेद कांग्रेस (WAC) और आरोग्य एक्सपो का आयोजन किया जा रहा है। यह चार दिवसीय सम्मेलन 12 से 15 दिसंबर 2024 तक परेड ग्राउंड में होगा। इस आयोजन के लिए तैयारियां जोरों पर हैं, जिसमें राज्य के विभिन्न विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
सम्मेलन का महत्व और भागीदारी—
यह आयोजन वर्ल्ड आयुर्वेद फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य आयुर्वेद का वैश्विक स्तर पर प्रचार-प्रसार करना है। सम्मेलन में 60 से अधिक देशों के करीब 7,000 प्रतिनिधि (डेलिगेट्स) शामिल होंगे। इनमें यूरोप, एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और नॉर्थ ईस्ट एशिया जैसे क्षेत्रों के डेलिगेट्स, आयुष विशेषज्ञ, संस्थाएं, एनजीओ और उद्योग समूह भाग लेंगे। आयोजन में 300 से अधिक आयुष स्टॉल लगाए जाएंगे, और 400 से अधिक आयुष विशेषज्ञ व्याख्यान देंगे।
सम्मेलन की थीम और प्रमुख आकर्षण—
इस वर्ष के आयोजन की थीम है “डिजिटल हेल्थ: एन आयुर्वेद पर्सपेक्टिव”। सम्मेलन में 600 से अधिक शोधपत्र प्रस्तुत किए जाएंगे, और 9 हॉल में साइंटिफिक सेशंस का आयोजन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, एक बड़ा पवेलियन तैयार किया जा रहा है, जिसमें विभिन्न विभागों और संस्थाओं के स्टॉल से संबंधित जानकारी दी जाएगी।
बायर-सेलर मीट जैसे कार्यक्रम भी आयोजित होंगे, जहां उद्यमियों को शासन से बातचीत करने का अवसर मिलेगा। इससे आयुर्वेदिक उत्पादों के उद्योग और व्यापार को नई दिशा मिल सकेगी।
आयोजन स्थल और व्यवस्थाएं—
पहले यह आयोजन वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) में प्रस्तावित था, लेकिन वहां जगह न मिलने के कारण इसे परेड ग्राउंड में स्थानांतरित किया गया। आयोजन स्थल पर टेंट निर्माण, पार्किंग, मंच व्यवस्था, और अतिथियों के ठहरने की योजना तैयार कर ली गई है।
आयुर्वेद को वैश्विक पहचान—
विश्व आयुर्वेद कांग्रेस का यह आयोजन उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। इससे पहले, इस सम्मेलन का आयोजन देश के विभिन्न राज्यों में किया गया था। 2002 में पहला आयोजन केरल में हुआ था, और 2022 में गोवा में 9वां सम्मेलन आयोजित किया गया।
यह आयोजन आयुर्वेद को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का एक मंच है और इससे उत्तराखंड को वैश्विक आयुर्वेद केंद्र के रूप में उभरने का मौका मिलेगा। चार दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में लगभग एक लाख से अधिक लोगों के शामिल होने की संभावना है।