हरियाली का प्रतीक हरेला पर्व आज उत्तराखंड प्रदेश में धूमधाम से मनाया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को हरेला पर्व के अवसर पर महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के निकट वन विभाग द्वारा आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पौधारोपण किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों पर्यावरण संरक्षण को संस्कृति से जोड़ने वाले पारंपरिक पर्व हरेला की शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में निरंतर प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हरेला पर्व के तहत एक माह तक वृक्षारोपण अभियान चलाया जायेगा।
वन विभाग की ओर से वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड धर्म, अध्यात्म एवं संस्कृति का केन्द्र है। उत्तराखंड जैव विविधताओं वाला राज्य है, यहां का प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटकों को आकर्षित करता है। पर्यावरण संरक्षण के लिए उत्तराखंड की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है। सभी को समर्पित भाव से प्रकृति संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ना होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड धर्म, अध्यात्म एवं संस्कृति का केन्द्र है। उत्तराखंड जैव विविधताओं वाला राज्य है, यहां का प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटकों को आकर्षित करता है। पर्यावरण संरक्षण के लिए उत्तराखंड की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है। सभी को समर्पित भाव से प्रकृति संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि विकास एवं पर्यावरण में संतुलन होना जरूरी है। आने वाली पीढ़ी को शुद्ध पर्यावरण मिले, इसके लिए पर्यावरण संरक्षण सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
वहीं राज्य के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने हरेला पर्व की बधाई देते हुए इस पर्व को सांस्कृतिक धरोहर बताया। उन्होंने कहा पौधारोपण और प्रकृति के संरक्षण से ही हम शुद्ध हवा शुद्ध जल और अन्य प्राकृतिक लाभ ले सकते हैं। एक जागरूक नागरिक के तौर पर हमें अपने भविष्य को संवारना होगा और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान देना होगा। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि हरेला पर्व पर प्रदेश में 15 लाख वृक्ष लगाए जायेंगे। जिनमें 50 प्रतिशत फलदार पौधे होंगे।