AI के दौर में इंसानियत को बचाए रखना ज़रूरी: डीजी सूचना बंशीधर तिवारी

Our News, Your Views

देहरादून, 21 अप्रैल/ राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के अवसर पर आयोजित विशेष कार्यशाला में वक्ताओं ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जिम्मेदार उपयोग पर बल दिया। “रिसपॉन्सिबल यूज ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: रोल ऑफ पब्लिक रिलेशन” विषय पर आयोजित इस कार्यशाला में प्रमुख वक्ताओं ने तकनीक के तेज़ विकास के बीच मानवता, संवेदनशीलता और सामाजिक जिम्मेदारियों को बनाए रखने की बात कही।

Source Courtesy – Digital Media

कार्यक्रम का आयोजन पब्लिक रिलेशन सोसायटी ऑफ इंडिया (PRSI), देहरादून चैप्टर द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में महानिदेशक सूचना एवं एमडीडीए के उपाध्यक्ष श्री बंशीधर तिवारी ने कहा—

Source Courtesy – Digital Media

“AI के दौर में भी इंसानियत को बचाए रखना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। तकनीक केवल एक उपकरण है, उसे चलाने वाला मनुष्य है। सूचना के आदान-प्रदान में हमें यह सोचकर आगे बढ़ना चाहिए कि हमारा एक क्लिक किसी व्यक्ति या समाज पर क्या असर डाल सकता है।”

उन्होंने कहा कि एआई समय बचाता है, लेकिन उस बचे हुए समय का उपयोग कैसे हो, यह हमारी चेतना और मूल्य तय करेंगे। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि—

“AI से कंटेंट बन सकता है, लेकिन उसमें विचार और भावनाएं जोड़ना हमारा काम है।”

AI सहयोगी बने, प्रतिस्थापन नहीं – डॉ. नितिन उपाध्याय

कार्यक्रम में विशेष अतिथि संयुक्त निदेशक सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय ने कहा कि—

Source Courtesy – Digital Media

“नई तकनीकें हमेशा अवसरों के साथ-साथ चुनौतियां भी लाती हैं। जनसंपर्क के क्षेत्र में एआई को एक सहयोगी के रूप में स्वीकार करें, न कि पूरी तरह उस पर निर्भर हो जाएं।”

उन्होंने एआई पर जनजागरूकता फैलाने और सीमित लेकिन विवेकपूर्ण उपयोग पर बल दिया।

AI से सूचना तो मिल सकती है, भावना नहीं – विजय थपलियाल

बद्री-केदार मंदिर समिति के सीईओ श्री विजय थपलियाल ने कहा कि—

Source Courtesy – Digital Media

“AI से हम बहुत कुछ पा सकते हैं, परंतु इमोशन सिर्फ इंसानों के पास होता है। यह हमें तय करना है कि हम AI को वरदान बनाएं या चुनौती।”

फेक न्यूज सबसे बड़ी चुनौती – अनुपम त्रिवेदी

न्यूज18 उत्तराखंड के संपादक श्री अनुपम त्रिवेदी ने कहा कि—

Source Courtesy – Digital Media

“विज्ञान जहां सुविधा देता है, वहीं समस्याएं भी देता है। AI के गलत इस्तेमाल से फेक न्यूज जैसी गंभीर समस्याएं सामने आ रही हैं।”

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जनसंपर्क का मूल आधार व्यक्तिगत संवाद है, जो तकनीक से पूरी तरह नहीं बदला जा सकता।

AI को अपनाएं, मगर ज़िम्मेदारी के साथ – तकनीकी प्रस्तुति

कार्यशाला में तकनीकी विशेषज्ञ श्री आकाश शर्मा ने AI टूल्स की जानकारी दी और बताया कि—

Source Courtesy – Digital Media

“AI हमारा स्थान नहीं ले रहा, वह हमारे काम को और प्रभावशाली बना रहा है।”

उन्होंने ChatGPT, Canva AI, Google Forms, SlidesAI.io, Hootsuite, Meltwater जैसे प्रमुख टूल्स के व्यावहारिक उपयोग की जानकारी दी।

Source Courtesy – Digital Media

AI: खूबसूरती और खतरा – दोनों का प्रतीक

AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने हमारे जीवन और कार्यशैली में क्रांति ला दी है। वह जहां एक ओर रचनात्मकता, गति और प्रभावशीलता को नई ऊंचाइयों तक ले जा रहा है, वहीं दूसरी ओर फेक न्यूज, गुमराह करने वाला कंटेंट, और संवेदनहीन संवाद जैसे गंभीर खतरे भी लेकर आया है।

Source Courtesy – Digital Media

AI की खूबसूरती है—

  • तेज़ और सहज कंटेंट निर्माण

  • डेटा विश्लेषण की क्षमता

  • व्यक्तिगत अनुभव को बेहतर बनाना

Source Courtesy – Digital Media

AI की कमी है—

  • मानवीय भावनाओं की अनुपस्थिति

  • नैतिक जिम्मेदारियों की कमी

  • सूचना की सत्यता पर संदेह

इसलिये ज़रूरी है कि हम AI को टूल की तरह देखें, टूलकिट नहीं। तकनीक हमारे हाथ में है, लेकिन नियंत्रण हमारी सोच में होना चाहिए।


Our News, Your Views