उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें दो दिन बाद आज सोमवार सुबह से फिर तेज हो गई हैं। राज्य में लगातार बदल रहे राजनैतिक घटनाक्रम ने तेजी पकड़ ली है और अब एक बार फिर नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें बढ़ने लगी हैं।यूँ तो शनिवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में बजट सत्र के दौरान ही सीएम त्रिवेंद्र देहराूदन पहुँचने के बाद से ही नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट शुरू हो गयी थी जब सीएम सहित भाजपा के कई वरिष्ठ नेता सहित विधायकों ने शनिवार शाम को कोर कमेटी की बैठक में हिस्सा लिया था जिसमें छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह सहित भाजपा प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम भी थे। इस बैठक के बाद, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के दिए गए बयान के बाद नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर विराम लगता नज़र आने लगा था, लेकिन आज सोमवार को सीएम त्रिवेंद्र के दिल्ली रवाना होने के बाद अटकलों का बाजार दोबारा गर्म होता दिखाई देने लगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आज सोमवार दोपहर दिल्ली पहुंच गए हैं। कहा जा रहा है की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनकी आज मुलाकात होगी। गौरटयालाब है की आज शाम को पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक भी है। बैठक में इस बात पर भी फैसला हो सकता है कि उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन किया जाए या फिर आगामी चुनाव तक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को बरकरार रखा जाए।
गौरतलब है कि अगले साल 2022 में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव भी हैं। अगर पार्टी हाई कमान नेतृत्व परिवर्तन करने का मन बनाता है तो सूत्र बताते हैं कि सांसद अनिल बलूनी और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज रेस में सबसे आगे हैं, वहीँ इन् दो नामों के अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा रमेश पोखरियाल निशंक के नाम पर भी विचार कर सकता है।