उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड तैयार, जल्द हो सकता है बड़ा ऐलान

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उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर ड्राफ्ट तैयार हो गया है, यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी देशभर में रहने वाले सभी लोगों के लिए समान कानून। विशेषज्ञ समिति के सदस्य पिछले कुछ दिनों से नई दिल्ली में हैं और ड्राफ्ट रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में जुटे थे। ख़बरें हैं कि एक्सपर्ट कमिटी ने UCC को लेकर ड्राफ्ट तैयार कर लिया है और जल्द ही इस कानून को लेकर उत्तराखंड में बड़ा ऐलान हो सकता है।

बता दें कि पुष्कर सिंह धामी सरकार ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) लागू करने का संकल्प लिया था और जिसे लेकर विधानसभा चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने UCC लागू करने का वादा किया था। उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार बनी जिसके बाद ही ड्राफ्टिंग कमिटी का गठन भी कर दिया गया था। प्रदेश सरकार ने 27 मई 2022 को समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट बनाने के लिए जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था, जिसमें चार सदस्य शामिल किए गए। बाद में इसमें सदस्य सचिव को भी शामिल किया गया। इस समिति का कार्यकाल दो बार बढ़ाया भी गया। समिति ने अपने कार्यकाल में विभिन्न धर्मों, समुदाय व जनजातियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करने के साथ ही प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जाकर स्थानीय व्यक्तियों से भी सुझाव लिए। समिति प्रवासी उत्तराखंडियों के साथ ही सभी राजनीतिक दलों से भी इस संबंध में सुझाव ले चुकी है। विशेषज्ञ समिति के 13 माह के कार्यकाल में अभी तक 52 बैठकें हो चुकी हैं और समिति को 2.50 लाख से अधिक सुझाव मिले हैं।

गौर हो कि हमारे संविधान के अनुच्छेद 44 में उल्लेखित है की सभी नागरिकों के लिए सामान कानून हों। क्रिमिनल मामलों में एक जैसे क़ानून लागु होते हैं। लेकिन सिविल मामलों में अलग अलग कानून हैं। अब यूनिफॉर्म सिविल कोड में इसी तरह के कानूनों को समाप्त कर सभी लोगों के लिए एक समान कानून बनाने की बात चल रही है। देश में अभी गोवा एकमात्र राज्य है, जहां समान नागरिक संहिता लागू है। अब उत्तराखंड के नवनियुक्त मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे लागू करने की बात कही है।

जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि) की अध्यक्षता में गठित समिति में जस्टिस प्रमोद कोहली (सेनि), उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून विवि की कुलपति प्रो सुरेखा डंगवाल और सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़ शामिल हैं। समिति के सदस्य सचिव अजय मिश्रा हैं।सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई, जो कि यूसीसी ड्राफ्ट कमेटी के सदस्य हैं, उन्होंने यह जानकारी दी है। फिलहाल, इस ड्राफ्ट को अब सरकार को सौंपा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुझे आपको यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि उत्तराखंड के प्रस्तावित समान नागरिक संहिता का मसौदा अब पूरा हो गया है। ड्राफ्ट के साथ विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट मुद्रित की जाएगी और उत्तराखंड सरकार को सौंपी जाएगी। एक्सपर्ट कमेटी ने सभी से राय मशविरा किया गया है। सभी पक्षों से उनकी राय जानी गई है।उत्तराखंड सरकार ने यूसीसी ड्राफ्ट बनाने को लेकर एक समिति बनाई गई थी। तब से कमेटी लगातार बैठक कर रही है। समिति ने बॉर्डर के गांव माणा से लेकर दिल्ली तक कई बैठकें कीं। राजनीतिक दल, सामाजिक संस्थाएं और धार्मिक सगठनों के साथ समिति ने बैठक की और उनके सुझाव लिए हैं। उन्होंने बताया कि ड्राफ्ट को जल्दी ही सरकार को सौंप दिया जाएगा।

पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री-

“यूसीसी पर भारत के संविधान की मूल भावना के अनुरूप ही निर्णय होने हैं। समिति इस पर काम कर रही है। सबके हित में निर्णय आएगा। उत्तराखंड से इसकी शुरुआत हुई है। देवभूमि इसकी अगुआई कर रही है। हमारी यह अपेक्षा है कि आने वाले समय में देश भर में यूसीसी लागू हो”


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