जम्मू-कश्मीर घाटी में उत्तराखंड सीएम की हुंकार, कहा- अब किसी में पत्थरबाजी करने की हिम्मत नहीं, युवाओं के हाथ में हथियार नहीं हुनर है, कांग्रेस के शहजादे भी हैं आ पा रहे

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और भाजपा के स्टार प्रचारक पुष्कर सिंह धामी जम्मू-कश्मीर विस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सलाथिया के पक्ष में प्रचार करने पहुंचे। उन्होंने जम्मू कश्मीर की साम्बा विधानसभा क्षेत्र में प्रचार प्रसार किया और भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगे।  

चित्र साभार – सोशल मीडिया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में आगामी चुनावों के लिए प्रचार अभियान शुरू किया। सांबा विधानसभा क्षेत्र पहुंचने पर बीजेपी पदाधिकारियों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री का जोरदार स्वागत किया। इस दौरान सीएम धामी ने भाजपा प्रत्याशी सुरजीत सिंह सलाथिया के पक्ष में रोड शो और जनसभा की। इसके साथ ही सीएम धामी बीजेपी प्रत्याशी के नामांकन में भी शामिल हुए।

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जम्मू-कश्मीर की सांबा विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी सुरजीत सिंह सलाथिया के पक्ष में हुई जनसभा में संबोधन के दौरान सीएम धामी ने कहा कि, भाजपा सरकार में जम्मू-कश्मीर के अंदर मिनिमम टेररिज्म और मैक्सिमम टूरिज्म हो गया है। उन्होंने वीरों की भूमि सांबा को नमन करते हुए कहा, जनता के आशीर्वाद से निश्चित ही भाजपा प्रत्याशी सलाथिया भारी बहुमत से विजय होंगे।

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इस दौरान उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में विकास की नई राह खुली है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कनेक्टिविटी, इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में अनेक कार्य हो रहे है। आज घाटी में आईआईटी, आईआईएम संग कई कॉलेज खुले हैं। 25,000 करोड़ की लागत से कई हाइड्रो प्रोजेक्ट पर कार्य गतिमान है। अब युवाओं के हाथ में हथियार नहीं हुनर है। कांग्रेस के शहजादे कश्मीर में आ पा रहे हैं तो इसका श्रेय पीएम मोदी को दें। 

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उन्होंने कहा कि, कांग्रेस के शहजादे अगर आज कश्मीर के अंदर आ पा रहे, तो इसका श्रेय भी प्रधानमंत्री मोदी को जाता है। कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के लोग कहते हैं कि पाकिस्तान के साथ व्यापार और वार्ता शुरू कर देना चाहिए। आतंकवादियों, अलगाववादियों को पत्थरबाजों को छोड़ देना चाहिए। उनकी सोच देश विरोधी सोच है। उन्होंने कहा कि  जनता में जितनी ऊर्जा, जोश और उत्साह है। ये जोश रुकना नहीं चाहिए।

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बता दें कि जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इससे पहले साल 2014 में चुनाव हुए थे। साल 2018 में केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने और अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाए जाने के बाद राज्य में पहला विधानसभा चुनाव है।बता दें कि जम्मू और कश्मीर विधानसभा में 90 निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं। हर एक विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए विधानसभा के एक सदस्य (MLA) का चुनाव करता है। परिसीमन के बाद 2024 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा की संरचना बदल दी गई थी। जम्मू की हिस्सेदारी 37 सीटों से बढ़कर 43 हो गई है, जबकि कश्मीर की हिस्सेदारी 46 सीटों से बढ़कर 47 हो गई है।

File Photo

जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव होंगे, जो 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को होंगे। वहीं नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। प्रमुख राजनीतिक दलों में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP), कांग्रेस और BJP शामिल हैं। इसमें कई क्षेत्रीय पार्टियां भी हैं जैसे अपनी पार्टी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी।


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