उत्तराखण्ड में 2 अगस्त से कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं। साथ ही कक्षा 6 से कक्षा 8 तक के छात्र-छात्राओं के लिए भी 16 अगस्त से स्कूल खोलने की तैयारी है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ उत्तराखण्ड हाईकोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार से स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन का पालन किस तरह हो रहा है, इसके लिए जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त को होनी है।
कोर्ट द्वारा जवाब मांगने के बाद प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि सरकार ने कोरोना की स्थिति सुधरने के बाद ही स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। यदि तीसरी लहर जैसी बात सामने आती है तो स्कूल पुन: बंद किए जा सकते हैं। सरकार के लिए छात्र-ओर शिक्षकों की सुरक्षा सबसे पहले है बाकी चीजें बाद में।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि पूर्व में स्कूल बंद होने से पढ़ाई पर काफी असर पड़ा,शिक्षकों और अभिभावकों की राय थी कि स्कूल पूरी सुरक्षा के साथ खोले जाने चाहिए, सरकार ने एहतियात बरतते हुए स्कूल खोले। 2 अगस्त से कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों को बुलाया जा रहा है। 16 अगस्त से कक्षा 6 से 8 तक के छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल खुलेंगे। स्कूलों में सुरक्षा मानकों का कडाई से पालन कराया जा रहा है। कोरोना पर भी पैनी नजर रखी है, तीसरी लहर की जरा सी आहट भी महसूस हुई तो सरकार स्कूल बंद करने का निर्णय ले सकती है। हालांकि अब यह देखना होगा कि सरकार 18 अगस्त को हाईकोर्ट में क्या जवाब देती है, और कोर्ट सरकार के जवाब पर क्या फैसला सुनाती है..