कांग्रेस पार्टी में आल इस वैल के तमाम दावे एक बार फिर खोखले दिखाई दिए जब आज कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता चुने गए यशपाल आर्य ने विधानसभा में विधिवत नेता प्रतिपक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के अलावा कुछ ही विधायक मौजूद रहे। विधायकों की गैरमौजूदगी की सियासी गलियारों में खूब चर्चा रही। पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, राजेंद्र भंडारी, मदन बिष्ट समेत विधायक आर्य के कार्यभार ग्रहण कार्यक्रम में नजर नहीं आए।
बता दें कि कांग्रेस नेतृत्व ने हाल में ही प्रदेश अध्यक्ष, नेता विधायक दल (नेता प्रतिपक्ष) व उप नेता प्रतिपक्ष के पदों पर नियुक्तियां की थीं। जिसमें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष का दायित्व सौंपा गया है। इससे पहले रविवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पदभार ग्रहण किया।
यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार को जनता के सवालों से बचने नहीं दिया जाएगा। सदन से सड़क तक पार्टी संघर्ष करेगी। भाजपा सरकार की गलत नीतियाें को जनता तक पहुंचाया जाएगा।
विधायकों के इंतजार में कार्यभार ग्रहण कार्यक्रम करीब डेढ़ घंटे तक रुका रहा। साथ ही विधान मंडल दल की बैठक को भी स्थगित करना पड़ा। सिर्फ नौ विधायक मौजूद रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी और विधायक एकजुट हैं। व्यस्तता की वजह से कुछ सदस्य नहीं पहुंचे। कहा कि हरीश धामी को मनाने में वह कसर नहीं छोड़ेंगे।
इस दौरान विधायक सुमित ह्रदयेश, भुवन कापड़ी, मनोज तिवारी, अनुपमा रावत, ममता राकेश और गोपाल राणा मौजूद रहे। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा भी कार्यक्रम में शामिल हुए।