कोर्ट की शरण में-“खाकी” 

Spread the love

राज्य के उदेश्य और नीतियां कितनी भी प्रभावशाली, आकर्षक, और उपयोगी क्यों न हो, उनसे उस समय तक कोई लाभ नहीं लिया जा सकता,जब तक की उनको प्रशासन के द्वारा कार्य रूप में न लाया जाय। ऐसे में उधम सिंह नगर जिले के पूर्व एसएसपी बरिंदरजीत सिंह का सरकार के तबादला आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट कि शरण लेना कई सवालों को जन्म दे रहा है। वहीँ आईपीएस अधिकारी के इस कदम के बाद पुलिस मुख्यालय से लेकर शासन-प्रशासन में हड़कंप की स्थिति बन गयी है। मालूम हो कि वर्तमान में बरिंदरजीत आईआरबी बैलपड़ाव के सेनानायक पद पर हैंं।

याचिका में उन्होंने डीजीपी अनिल रतूड़ी, डीजी लॉ एंड ऑडर  अशोक कुमार और पूर्व आईजी (सेवानिर्वित ) जगतराम जोशी पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है की उन्हें महत्वपूर्ण मामलों में  निष्पक्ष जांच से रोका गया और 12 साल की सेवा में उनके आठ तबादले किये गए। हाई कोर्ट ने इस मामले में सरकार से तीन सप्ताह में जवाब माँगा है।

गौरतलब है की  पूर्व ही ऊधमसिंह नगर के एसएसपी बरिंदर जीत सिंह का तबादला शासन ने आरआरबी कमांडेंट के पद पर कर दिया था।बरिंदर जीत सिंह ने याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि उधमसिंह नगर में तैनाती के दौरान डीजीपी अनिल रतूड़ी द्वारा उन्हें महत्वपूर्ण मामलों में निष्पक्ष जांच करने से उन्हें रोका गया।


Spread the love

One thought on “कोर्ट की शरण में-“खाकी” 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *