बैक डोर भर्ती मामला; विधानसभा बैकडोर भर्तियां होंगी निरस्त? तीन सदस्यीय कमेटी का गठन

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बैक डोर भर्ती को लेकर अभी एक बड़ा निर्णय लिया गया है, उत्तराखंड विधान सभा भर्ती प्रकरण पर विधान सभा स्पीकर ऋतू खंडूरी भूसण ने आज शनिवार को एलान किया की इस मामले में जांच कमेटी गठित की गयी है तीन सदस्यीय कमिटी एक माह के भीतर भर्तियोंसे जुडी जांच रिपोर्ट देगी। जांच कमेटी 2012 वर्ष से 2022 वर्ष तक विधान सभा में हुयी नियुक्ति की जांच करेगी।

कनाडा में सीपीए की बैठक में भारत का सफ़ल प्रतिनिधित्व कर स्वदेश लौटते वक्त पत्रकारों से मुखातिब उत्तराखंड विधान सभा स्पीकर ऋतू खंडूरी ने कल दिल्ली में एक बातचीत में  “मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का पत्र” मिलने की पुस्टि करते हुए बताया था की मामले की जांच के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया जायेगा
आज शनिवार विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने कहा किजांच रिपोर्ट में भर्तियों को लेकर जो भी तथ्य सामने आएंगे उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी”। जांच समिति वर्ष 2012 से लेकर 2022 तक विधानसभा में हुई नियुक्तियों की जांच करेंगे। इसके साथ ही 2000 और 2011 तक विधानसभा में भर्तियों के लिए उत्तर प्रदेश की सेवा नियमावली लागू थी। जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ समिति इसकी भी जांच करेगी। वहीं सचिव को एक महीने की छुट्टी पर भेजा गया है और जांच पूरी होने तक वह अवकाश पर रहेंगे। 
रितु खंडूरी ने कहा कि सख्त नियमावली निकाली जाएगी जिसका पालन सभी को करना होगा। उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी दिलीप कुमार की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है। सेवानिवृत्त आईएएस सुरेंद्र सिंह रावत और अवनेंद्र सिंह नयल इसके सदस्य होंगे।
गौरतलब है की भर्ती मामले पर भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर हमलावर हैं और एक दूसरे पर वार-पलटवार करते दिखाई देते हैं। जहाँ कांग्रेस नेता गोविंद सिंह कुंजवाल ने वर्ष 2016 में स्पीकर रहते 159 कर्मचारी भर्ती किए थे। तो तो वहीँ भाजपा नेता प्रेमचंद अग्रवाल ने स्पीकर रहते आचार संहिता से ऐन पहले जनवरी में भर्तियों की तैयारी कर ली थी। उन्होंने 72 लोगों को विधानसभा में नियुक्तियां दीं। मजे की बात तब नजर आती है जब वह इन नियुक्तियों को अपना विशेषाधिकार कहते हैं और नियमानुसार हुई भर्तियां बताते हैं।
यूं तो कांग्रेस का कमेटी के गठन पर कहना है की यह मुद्दे को भटकाने की कोशिश भर है और उसे कमेटी पर भरोसा नहीं है। इसके बावजूद उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी कहते हैं की विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूडी पूर्व सीएम भुवन चंद खंडूडी की बेटी है और उनके पिता श्री भुवन चंद खंडूडी की छवि एक ईमानदार व्यक्ति के रूप में देखि जाती है और वे उम्मीद कर रहे हैं कि विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी भी अपने पिता की तरह ईमानदारी से इस जांच को कराएंगी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विधानसभा के भर्ती प्रकरण में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण का निर्णय स्वागतयोग्य है। उन्होंने सरकार और प्रदेश की जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप निर्णय लेकर सदन की गरिमा बढ़ाई है। हमें विश्वास है कि शीघ्र ही पूरे प्रकरण का विधि सम्मत समाधान निकलेगा और दूध का दूध व पानी का पानी हो जाएगा। मैंने स्वयं इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच और अनियमितता पाए जाने पर भर्तियों को निरस्त करने करने का अनुरोध विधानसभा अध्यक्ष से किया था।
अब इस जांच कमिटी का क्या निर्णय निकलेगा यह तो भविष्य के ग़र्भ  में छिपा है। पुरे राष्ट्र की नजरें अब  मुद्दे पर जमी हुयी हैं। हंगामा बढ़ता देख मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भर्ती प्रकरण पर एक बड़ी पहल करना उत्तराखंड की जनता को गवाँरा होगा या नहीं और वह किस रूप में इसे देखती है यह देखने वाली बात होगी। और सबसे बड़ा सवाल तो यह है की यह जांच कमेटी किसी अंजाम तक पहुँचती भी है या इसकी परिणीति भी अन्य उन जांचों की तरह होंगी जो सालों साल अभी तक लटकी पड़ी हैं।

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