कोरोना वायरस संक्रमण में लॉकडाउन के दौरान लंबे समय से बंद हुए अंतरराज्यीय परिवहन के फिर से खुलने की उम्मीद बनेने लगी है। खबर है कि राज्य सरकार ने अनलॉक-4 के दूसरे चरण में अंतरराज्यीय परिवहन शुरू करने की तैयारी कर ली है। हालांकि केंद्र सरकार ने अनलॉक-4 के तहत सभी राज्यों को सीमाओं पर लगाई
गयी पाबंदी को हटाने के आदेश दिए थे। वहीं पड़ोसी राज्यों की ओर से अपनी सीमाएं बिना बाधा खोल दी गयी हैं। लेकिन उत्तराखंड सरकार ने यहां आवागमन के लिए पंजीकरण कराने की अनिवार्यता व सीमा पर कोविड-टेस्ट कराने की शर्त रखी थी, हालांकि विवादों के बाद कोविड टेस्ट की शर्त हटा दी गयी थी मगर पंजीकरण अभी अनिवार्य है। ऐसे में सरकार मार्च से बंद पड़े अंतरराज्यीय परिवहन को दोबारा शुरू करने की तैयारी में है। वहीं उत्तरप्रदेश लंबे समय से यह मांंग कर रहा है और उसने अपनी 100 बसें चलाने के प्रस्ताव रुट सहित प्रदेश सरकार को भेजे हुुये हैैं।
इसके अलावा हरियाणा, हिमाचल और राजस्थान ने भी बसें संचालित करने की अनुमति मांगी है।
शैलेश बगोली (सचिव परिवहन) एक दैनिक अखबार के हवाले से कहते हैं कि- “अंतरराज्यीय परिवहन खोलने की तैयारियां चल रही है, इसके लिए शर्तें तैयार की जा रही है। एक दो दिन में सरकार इस मामले पर निर्णय ले सकती है”
वहीं परिवहन निगम भी अपनी तैयारियों में है। रोडवेज महा प्रबंधक दीपक जैन बताते हैं कि –“सरकार मंजूरी देती है तो रोडवेज 350 बसें प्रतिदिन दूसरे राज्यों के लिए संचालित कर सकता है”
गौरतलब है कि अभी केवल राज्य के भीतर ही रोडवेज या स्टेज कैरिज वाली निजी बसें केवल प्रदेश में ही संचालित हैं, हालांकि उनमें भी जहां बीच का कुछ भाग उत्तरप्रदेश का पड़ता वहां का संचालन बंद है।
यात्रियों की परेशानी के साथ-साथ रोडवेज के लिए बढ़ता घाटा एक बड़ी चुनोती बना हुआ है। रोडवेज अधिकारी और निजी बस ऑपरेटर दोनों का ही प्रयास है कि सरकार से बसों के संचालन की अनुमति मिले। बता दें कि अभी उत्तर प्रदेश की बसें उत्तराखंड की सीमा तक ही आ रहा हैं।