हरिद्वार में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं, इसी बीच हरिद्वार से दुखद ख़बर आयी है। पथरी थाना क्षेत्र के गांव शिवगढ़ उर्फ तेलीवाला फूलगढ़ में चुनाव की जहरीली शराब पीने से सात ग्रामीणों की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस-प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है। पुलिस टीमों ने ग्रामीणों को जहरीली शराब पिलाने वाले प्रत्याशियों के घर और ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है।
उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में कच्ची शराब एक बार फिर जानलेवा साबित हुई है। जहरीली शराब पीने से मौत की खबर सामने आ रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पंचायत चुनाव के चलते वोटरों को लुभाने के लिए शराब का लालच दिया जा रहा है और ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि किसी प्रत्याशी ने शराब वितरण कराई है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस-प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ योगेंद्र सिंह रावत बताते हैं कि जहरीली शराब कहां बनी, कहां से लाई गई थी और किसने बांटी, इन सारे बिंदुओं पर छानबीन करते हुए आरोपितों की धरपकड़ के प्रयास चल रहे हैं। वहीं यह भी छानबीन की जा रही है कि यह शराब और किस-किस गांव में भेजी गई है। ताकि उसे जब्त कर समय रहते हैं बाकी ग्रामीणों की जान बचाई जा सके।
मृतक–
बिरम सिंह (55 ) पुत्र बलजीत निवासी फूलगढ,
राजू ( 45) पुत्र सेवाराम निवासी फूलगढ,
अमरपाल (36) पुत्र गोपाल निवासी फूलगढ,
अरुण 28 पुत्र चंद्रभान निवासी फूलगढ,
मनोज 32 निवासी शिवगढ़
तेजपाल 62 पुत्र राम सिंह निवासी फूलगढ
इश्मपाल 35 पुत्र राजेन्द्र निवासी शिवगढ़
दो दिन में सात ग्रामीणों के मौत की सूचना आसपास के गांवों में आग की तरफ फैल गई। किसी ग्रामीण ने इसकी सूचना पथरी थाना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। शनिवार सुबह प्रशासन, पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारी गांव पहुंचे। चार लोगाें के शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
एसएसपी डॉ. योगेंद्र रावत ने कहा कि शनिवार को चार लोगों की मौत होने की पुष्टि हुई है। इनमें से शराब पीने से दो की ही मौत हुई है। एक की बीमारी और एक की आपसी मारपीट के कारण जान गई। एक और व्यक्ति की मौत की जानकारी नहीं है। शुक्रवार को हुई दो ग्रामीणों की मौत की जानकारी जुटाई जा रही है। उन्होंने बताया कि उनके परिजनों ने पुलिस को इसकी जानकारी नहीं दी। एसएसपी ने बताया कि चारों लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत के कारण स्पष्ट नहीं हो सके। इसलिए विसरा जांच के लिए सुरक्षित रख लिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 2019 में हरिद्वार में कच्ची शराब पीने के बाद 30 से ज्यादा ग्रामीण अपनी जान गवां चुके थे। घटना के बाद हरकत में आये जिला प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ सख्ती शुरू कर दी थी। कच्ची शराब बनाने वाले माफियाओं पर पुलिस द्वारा सख्त कार्रवाई भी की गई थी।