कांवड़ यात्रा पर सुरक्षा रहेगी चाक-चौबंद, अनिवार्य रजिस्ट्रेशन में छूट, रहेगी ड्रोन की नजर

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कोरोना संक्रमण के कारण लगातार 2 साल बंद रही कांवड़ यात्रा इस बार पूरे जोश के साथ निकलेगी। सावन  के पहले सप्ताह 14 जुलाई (बृहस्पतिवार) से कांवड़ मेले की औपचारिक शुरुआत  से हो रही है। हालांकि पूर्णिमा 13 जुलाई से ही मेले की शुरुआत हो जाएगी। कांवड़ मेले के मद्देनजर सरकार ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसके लिए रुड़की से नीलकंठ तक करीब 60 किलोमीटर हाईवे को मेला क्षेत्र घोषित किया गया है। यूपी-दिल्ली सहित अन्य पड़ोसी राज्यों से उत्तराखंड आने वाले कांवड़ियों के लिए पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। इस बार पुलिस-प्रशासन ने कावड़ यात्रियों से अपील की है की वह यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवा कर यात्रा पर आएं हालांकि रजिस्ट्रेशन की कोई अनिवार्यता नहीं होगी। 

मंगलवार को डीजीपी अशोक कुमार ने कांवड़ मेले की सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कांवड़ मेले की औपचारिक शुरुआत बृहस्पतिवार से हो रही है। हालांकि पूर्णिमा 13 जुलाई से ही मेले की शुरुआत हो जाएगी। दूर दराज के कांवड़ियों का आना शुरू हो जाएगा। इसके लिए सभी क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था के प्रबंध कर लिए गए हैं। 

कांवड़ यात्रा 2022 के सम्बन्ध में श्री अशोक कुमार आईपीएस डीजीपी का श्रद्धालुओं के नाम सन्देश–

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डीजीपी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया की कावंड मेले में पहली बार रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गयी है, हालांकि रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता नहीं होगी। यात्रियों को अपनी, अपने प्रियजनों व पुलिस की सुविधा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना चाहिए जिससे की किसी अप्रिय घटना, साथियों के बिछड़ने के बाद रजिस्ट्रेशन से ढूंढ़ने में आसानी हो जाती है। कांवड़ यात्रियों के लिए https://policecitizenportal.uk.gov.in/Kavad पोर्टल शुरू किया गया है जहाँ वे अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। 

 उन्होंने बताया कि रुड़की से लेकर नीलकंठ का 60 किलोमीटर हाईवे कांवड़ियों के आवगमन के लिए रहेगा। 13 से 27 जुलाई तक यहां पर अत्यधिक भीड़ रहेगी। लिहाजा, आम आदमी के लिए और पहाड़ी जिलों को जाने वालों के लिए अलग से रूट निर्धारित किए गए हैं। इसके लिए पहले से ही व्यवस्था की जानकारी जारी कर दी गई है। आम जनता से अपील है कि वह पहाड़ आने के लिए मेरठ-बिजनौर- कोटद्वार और मुजफ्फरनगर-देहरादून मार्ग का प्रयोग करें।

पुलिस-प्रशासन की तैयारियों के मद्देनजर हरिद्वार-ऋषिकेश और नीलकंठ जैसे धामों में 10,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा मुख्य मार्गों और प्रदेश के बॉर्डर इलाकों सहित अन्य धार्मिक स्थलों में भी अतिरिक्त फोर्स डिप्लॉय की गई है। कांवड़ यात्रा में तलवार, डंडे, त्रिशूल इत्यादि लेकर आने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। बॉर्डर चेकिंग में इस तरह की वस्तुएं जब्त करने के निर्देश दिए।

  1. -10 हजार पुलिसकर्मी रहेंगे तैनात
  2. – 11 एसपी-एएसपी संभालेंगे जिम्मेदारी
  3. – 38 पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) की तैनाती
  4. – 05 आतंक रोधी दस्ते की टीमें
  5. – 400 सीसीटीवी कैमरे (300 हरिद्वार और 100 नीलकंठ क्षेत्र)
  6. – 38 सर्किल में एक-एक ड्रोन कैमरे से होगी निगरानी।

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुलिस लगातार अन्य विभागों से भी बात कर रही है। कांवड़ यात्रा मार्ग पर अन्य सुविधाओं के लिए यहां पर शौचालय, पार्किंग, साफ सफाई आदि की व्यवस्था भी विभागों ने कर दी है। इसके अलावा कांवड़ियों के लिए लगने वाले भंडारे आदि के लिए भी स्थान पहले से निर्धारित किए जा चुके हैं। यह मार्ग से हटकर लगाए जाएंगे। 

 


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