उत्तराखंड की नई फिल्म नीति: भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में आकर्षण का केंद्र

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भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) 2024 में उत्तराखंड पवेलियन ने अपनी नई फिल्म नीति के तहत व्यापक ध्यान आकर्षित किया। फिल्म बाजार में उत्तराखंड पवेलियन, राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और बेहतर फिल्म नीति के साथ, देश-विदेश के फिल्म निर्माताओं के लिए एक पसंदीदा स्थान के रूप में उभरा है।

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फिल्म नीति की मुख्य खूबियां—

 

उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में अपनी नई फिल्म नीति को लागू किया है, जो फिल्म निर्माताओं को कई प्रोत्साहन प्रदान करती है। इनमें शामिल हैं:

  1. आर्थिक प्रोत्साहन: राज्य में फिल्म निर्माण के लिए सब्सिडी और टैक्स में छूट।
  2. वन-स्टॉप शॉप सुविधा: फिल्म निर्माताओं को सभी परमिट और मंजूरी के लिए एकल खिड़की प्रणाली।
  3. शूटिंग के लिए सरल प्रक्रियाएं: उत्तराखंड में विभिन्न स्थानों पर शूटिंग की अनुमति में तेजी और कम कागजी कार्रवाई।
  4. स्थानीय प्रतिभाओं को बढ़ावा: राज्य की संस्कृति और स्थानीय कलाकारों को प्राथमिकता।
  5. प्राकृतिक सौंदर्य का लाभ: हिमालय, हरिद्वार, ऋषिकेश और नैनीताल जैसे स्थानों को फिल्म निर्माण के लिए प्रचारित करना।

सेलेब्रिटी और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया—

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उत्तराखंड पवेलियन पर कई फिल्मी हस्तियों और विशेषज्ञों ने फिल्म नीति की सराहना की।

  • हेमंत पांडे: प्रसिद्ध अभिनेता ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों की सराहना करते हुए इसे फिल्म उद्योग के लिए “क्रांतिकारी कदम” बताया।
  • मुकेश छाबड़ा (कास्टिंग डायरेक्टर): उन्होंने फिल्म निर्माताओं के लिए उत्तराखंड को “सपनों का स्थान” बताया।
  • सुभाई नल्लामुथु (राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सिनेमेटोग्राफर): उन्होंने उत्तराखंड की नीतियों को “फिल्म निर्माताओं के लिए आदर्श” बताया।
  • आरुषि निशंक (अभिनेत्री और प्रोड्यूसर): उन्होंने उत्तराखंड की फिल्मों और संस्कृति को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ले जाने की नीति की तारीफ की।

पर्यटन और फिल्म उद्योग का संगम—

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उत्तराखंड की नई फिल्म नीति न केवल राज्य में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देगी, बल्कि यह पर्यटन उद्योग को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। फिल्म निर्माताओं को दी गई सुविधाएं राज्य को एक स्थायी फिल्म निर्माण हब के रूप में स्थापित करेंगी।

सरकार का दृष्टिकोण—

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है, “उत्तराखंड में फिल्म नीति न केवल फिल्म निर्माताओं के लिए प्रोत्साहन है, बल्कि स्थानीय रोजगार सृजन और संस्कृति को बढ़ावा देने का एक जरिया भी है।”

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IFFI 2024 में उत्तराखंड पवेलियन की सफलता इस बात का प्रमाण है कि राज्य की फिल्म नीति सही दिशा में कदम उठा रही है। यह पहल आने वाले समय में उत्तराखंड को भारतीय सिनेमा के मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान दिलाने में मदद करेगी।


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