पर्यटकों के लिए खुली विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी, पहला दल हुआ रवाना

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फूलों और प्रकृति के बीच रहना पसंद करने वालों के लिए खुशखबरी है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी 1 जून, से पर्यटकों के लिए खुल गई है। उप वन संरक्षक बीबी मर्तोलिया ने घांघरिया बेस कैंप से 48 पर्यटकों के पहले दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

डीएफओ ने बताया कि सेंचुरी एरिया होने के कारण पर्यटक फूलों की घाटी में रात्रि को नही रूक सकते है। पर्यटकों को फूलों की घाटी का ट्रैक करने के बाद उसी दिन बेस कैंप घांघरिया वापस आना अनिवार्य किया गया है। बेस कैंप घांघरिया में पर्यटकों के ठहरने की समुचित व्यवस्था है।

 

उन्होंने बताया कि वैली ऑफ फ्लावर ट्रैकिंग के लिए देशी नागरिकों को 200 रुपये तथा विदेशी नागरिकों के लिए 800 रुपये ट्रेक शुल्क निर्धारित है। ट्रैक को सुगम और सुविधाजनक बनाया गया है। फूलों की घाटी के लिए बेस कैंप घांघरिया से टूरिस्ट गाइड की सुविधा भी उपलब्ध है। इस साल फूलों की घाटी 31अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहेगी।

गौर हो की विश्व धरोहर फूलों की घाटी का दीदार करने प्रकृति प्रेमी हर साल बड़ी संख्या में यहाँ देश विदेश से पहुंचते हैं और फूलों की घाटी का मनोरम दृश्य खुली आँखों से देखते और महसूस करते है। बता दें कि फूलों की घाटी ट्रैक अपने फूलों के लिए दुनिया भर में मशहूर है। इस घाटी की रोचक बात ये है कि घाटी हर 15 दिन में अपना रंग बदलती है। फूलों की कुछ प्रजातियाँ ऐसी है जो आपको सिर्फ और सिर्फ यहीं देखने को मिलेंगी।

यह फूलों की घाटी दुर्लभ हिमालयी वनस्पतियों से भी समृद्ध है और जैव विविधता का अनुपम खजाना है। यहां 500 से अधिक प्रजाति के रंग बिरंगी फूल खिलते है। हर साल बड़ी संख्या में देश-विदेश से पर्यटक फूलों की घाटी का दीदार करने आते है। प्रकृति प्रेमियों के लिए फूलों की घाटी से टिपरा ग्लेशियर, रताबन चोटी, गौरी और नीलगिरी पर्वत के बिहंगम नजारे भी देखने को मिलते हैं।

फिर छिड़ी बात फूलों की, आज से पर्यटकों के लिए खुलेगी विश्व धरोहर Valley of Flowers


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