उत्तराखंड में बड़े ही धूमधाम के साथ हरेला पर्व मनाया जाता है, आज उत्तराखंड का लोक पर्व हरेला मनाया गया। हरेला पर्व विशेष तौर पर प्रकृति से जुड़ा हुआ है और जिसे हरियाली के आने का प्रतीक माना जाता है। इसी क्रम में वन विभाग की ओर से ‘शहीदों के नाम पौधारोपण’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजित इस कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी में पौधरोपण कर प्रदेश की जनता से आह्वान किया कि अपने घर या खाली पड़े भूमि पर पौधारोपण कर प्रदेश में हरियाली लाने का काम करें। जिससे ना सिर्फ पर्यावरण का संरक्षण होगा, बल्कि समृद्धि और खुशहाली भी होगी। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड के जो पांच वीर शहीद हुए हैं, उनके याद में पांच पौधों का रोपण किया गया है।
हिंदू धर्म में साल के सभी के महीनों का अपना एक खास महत्व होता है और सावन माह देवों के देव महादेव को समर्पित होता है. उत्तराखंड में हरेला पर्व से श्रावण मास और वर्षा ऋतु का आरंभ माना जाता है.।हरेला पर्व आज भी देवभूमि की संस्कृति और विरासत को जीवंत रखे हुए हैं। आज से पूरे प्रदेश में हरेला पर्व का आगाज हो गया है, जिसको लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। हरेला पर्व हरियाली का प्रतीक है। 9 दिन पहले इसे उगाने का काम किया जाता है और 10वें दिन इसे जब काटा जाता है, तो घरों में लोग अलग-अलग पकवान बनाते हैं। हरेला काटने के बाद अपने ईष्ट देवताओं को सबसे पहले हरेला चढ़ाया जाता है, फिर उसके बाद बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्गों को पूजा जाता है। इस पर्व का सीधा संबंध प्रकृति से है और इसका अर्थ है हरियाली का दिन।
हरेला पर्व के अवसर पर प्रदेश भर में पौधारोपण का कार्यक्रम किया जा रहा है। इसी क्रम में तमाम सरकारी और गैर सरकारी विभागों द्वारा पेड़ पौधे लगाए गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी है और कहा है कि, ‘आइए हम सब प्रकृति पूजन और पर्यावरण संरक्षण को समर्पित लोक पर्व हरेला की परंपरा को आगे बढ़ाने और प्रकृति को हरा-भरा रखने का संकल्प लें।’
आज वन विभाग की ओर से ‘शहीदों के नाम पौधारोपण’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी में पौधरोपण कर प्रदेश की जनता से आह्वान किया कि अपने घर या खाली पड़े भूमि पर पौधारोपण कर प्रदेश में हरियाली लाने का काम करें। जिससे ना सिर्फ पर्यावरण का संरक्षण होगा, बल्कि समृद्धि और खुशहाली भी होगी।
प्रकृति के संरक्षण के प्रतीक एवं उत्तराखण्ड के लोक पर्व हरेला पर देहरादून में आयोजित 'शहीदों के नाम पौधारोपण' कार्यक्रम में प्रतिभाग किया एवं पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया साथ ही आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी… pic.twitter.com/m79iVKck2P
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) July 16, 2024
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा- ‘आप सभी को हरियाली और सुख-समृद्धि के प्रतीक उत्तराखण्ड के पौराणिक लोकपर्व हरेला की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आइए, प्रकृति पूजन और पर्यावरण संरक्षण को समर्पित लोक पर्व हरेला की परंपरा को आगे बढ़ाने और प्रकृति को हरा-भरा रखने का संकल्प लें और ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से जुड़कर ज्यादा से ज्यादा संख्या में पौधारोपण कर पर्यावरण को हरा-भरा बनाएं। जय हिंद-जय उत्तराखण्ड।’
देवभूमि उत्तराखण्ड के लोकपर्व हरेला की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। हरेला उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति के साथ ही प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण का भी प्रमुख लोकपर्व है।
आइए, हम सभी हरेला पर्व पर एक पौधा लगाने का संकल्प लें।#Uttarakhand #HarelaFestival pic.twitter.com/Ri80Es5zzC— LT GEN GURMIT SINGH, PVSM, UYSM, AVSM, VSM (Retd) (@LtGenGurmit) July 16, 2024
उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने भी प्रदेशवासियों को लोकपर्व हरेला की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को समर्पित ‘हरेला’ पर्व उत्तराखंड की सांस्कृतिक परंपरा और प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन का पर्व है।