यूं तो राजनीतिक पार्टियों में सह-मात का खेल लगातार जारी है, वहीं राजनीतिक पार्टियां साथ ही अपने घर मे भी बढ़त बनाये रखने के लिए तमाम तरह के हथकंडे अपना रही है। अब अपने मंत्री हरक सिंह रावत के लगातार दबाव बनाए जाने से परेशान होकर बीजेपी ने बड़ा फैसला लेते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पर बड़ी कार्यवाही कर दी है। भाजपा संगठन ने अपने मंत्री हरक सिंह रावत पर कठोर कार्यवाही की और उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से बर्खास्त कर दिया है।
गौरतलब है कि लंबे समय से हरक सिंह रावत के कांग्रेस ने घर वापसी की चर्चाएं जोरों शोरों पर चल रही थी। इसी बीच कांग्रेस नेताओं से बढ़ती हरक सिंह रावत की नज़दीकियों का संज्ञान लेते हुए न सिर्फ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरक सिंह रावत को मंत्रिमंडल से निष्कासित कर दिया बल्कि भाजपा संगठन ने हरक सिंह रावत को पार्टी से भी 6 साल के लिए बर्खास्त कर दिया है।
हरक सिंह रावत ने कहा कि – “केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने उन्हें दिल्ली में मिलने के लिए बुलाया था। लेकिन ट्रैफिक के चलते थोड़ी देर हो गई। हालांकि, वो उनसे और गृह मंत्री अमित शाह से मिलना चाहते थे, लेकिन जैसे ही मैं दिल्ली पहुंचा, तो उन्होंने सोशल मीडिया पर देखा कि भाजपा ने मुझे निष्कासित कर दिया”
हरक सिंह रावत ने कहा कि इतना बड़ा फैसला लेने से पहले भाजपा ने मुझसे एक बार भी बात नहीं की। अगर मैं कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल नहीं होता तो 4 साल पहले बीजेपी से इस्तीफा दे देता। मुझे मंत्री बनने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं है। मैं सिर्फ काम करना चाहता हूं। इसके बाद हरक सिंह रावत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी उत्तराखंड में सरकार बनाएगी। मैं कांग्रेस पार्टी के लिए काम करूंगा। भाजपा ने मनगंढ़त खबरों के आधार पर कार्रवाई की है। उत्तराखंड में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत के साथ सरकार आ रही है।
सूत्रों बताते हैं कि हरक सिंह रावत टिकट बांटने को लेकर नाराज थे. वो अपनी बहू के लिए लैंसडौन से टिकट मांग रहे थे और खुद भी कोटद्वार सीट को छोड़कर सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे.
तेजी से बदलते समीकरण ने प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है, सूत्रों के अनुसार बीजेपी द्वारा कार्यवाही किये जाने के बाद हरक की स्थिति अब अनिर्णय वाली मानी जा रही है। उधर हरक सिंह रावत भी अब कांग्रेस में मोलभाव करने की स्थिति में नही।
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