देहरादून समेत पूरे प्रदेश में करीब तीन दिनों तक चले बेरोजगार संघ का धरना आखिरकार बेरोजगार संघ के प्रतिनिधियों द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलने के बाद समाप्त हुआ। मुख्यमंत्री धामी ने युवाओं की चिंता और और उनकी सभी मांगों को गंभीरता पूर्वक सुनते हुए निर्णय लिया कि पटवारी भर्ती पेपर लीक की एसआईटी जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में कराई जाएगी। वहीं युवाओं ने कहा की सरकार ने हमारी कुछ मांगो को स्वीकार कर लिया है और फिलहाल हमारी तरफ से धरना स्थगित कर दिया गया है। उधर, राज्यपाल ले.ज. गुरमीत सिंह (सेनि.) ने नकल रोधी कानून के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ यह कानून पूरे प्रदेश में लागू हो गया है।
देहरादून की सड़कों पर करीब दो दिनों तक चले जबरदस्त हंगामे और प्रदर्शन के बाद प्रदेश में माहौल शांत हुआ है। अपनी मांगों को लेकर आज बेरोजगार संघ के प्रतिनिधि मुख्यमंत्री धामी से मिले और उन्होंने परीक्षाओं सम्बन्धी अपनी चिंताओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया और अपनी मांगों को उनके सम्मुख रखा। सीएम धामी ने भी उनकी सभी मांगों को ध्यान से सुनते हुए उन पर कार्य करने की सहमति दी है। इस बैठक में हाल ही में पास हुए नकल विरोधी कानून की भी चर्चा हुई, माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद युवा मान गए हैं।
जिलाधिकारी सोनिका सिंह बताती हैं सरकार युवाओं की चिंताओं के प्रति संवेदनशील है। बेरोजगार संघ की सभी मांगों पर गंभीरता से विचार करते हुए राज्य सरकार ने विभिन्न बिंदुओं पर कार्रवाई की है। राज्य सरकार पटवारी भर्ती पेपर लीक मामले की एसआईटी जांच को हाई कोर्ट के जज की निगरानी में करवायेगी। सीबीआई जांच की मांग को उत्तराखंड हाई कोर्ट द्वारा अस्वीकार किया जा चुका है। हाई कोर्ट द्वारा पहले ही कहा जा चुका है की जांच सही दिशा में चल रही है। इसलिए इस प्रकरण की सीबीआई जांच नहीं कराई गई है।