उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर लीक मामला तेजी से अपने अंजाम तक पहुँचता दिखाई देने लगा है। पेपर लीक मामले में नकल माफिया गैंग का पर्दाफाश करते हुए एसटीएफ को बड़ी कामयाबी मिली है। एसटीएफ ने नकल माफिया गैंग की अहम कड़ी उत्तरकाशी में शिक्षक तनुज शर्मा को गिरफ्तार किया है। वहीं इस मामले में एक बड़ी ख़बर यह है कि पेपर लीक मामले में सबसे ज्यादा चर्चाओं में आए जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह नाम के शख्स को आखिरकार हिमाचल के आरा कोर्ट बॉर्डर पर इंटरसेप्ट किया गया है। जिसके बाद देहरादून से एसटीएफ टीम मौके के लिए रवाना हो चुकी है।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर लीक कराने के मामले में एसटीएफ ने एक शिक्षक को गिरफ्तार किया है। रायपुर देहरादून निवासी शिक्षक उत्तरकाशी मोरी के नैटवाड़ इंटर कॉलेज फिजिकल के शिक्षक तनुज शर्मा ने पूछताछ में मुख्य सरगना एवं अन्य के बारे में कई अहम जानकारी पुलिस को दी है। जिसके बाद पुलिस इस गैंग के मुख्य सरगना तक पहुंच सकती है।
गौरतलब है कि स्नातक स्तर की भर्ती परीक्षा में नकल और पेपर लीक का मामला उजागर होने से चर्चाओं में चल रहे उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के अध्यक्ष एस. राजू ने बीते दिनों त्यागपत्र दे दिया था। वहीं शासन ने तत्परता दिखाते हुए उत्तराखंड राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। साथ ही संयुक्त सचिव सुरेंद्र रावत को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव का प्रभार दिया गया है। शुक्रवार को एसटीएफ ने सचिवालय के न्याय विभाग में कार्यरत सहायक अपर निजी सचिव सूर्य प्रताप सिंह निवासी जसपुर, ऊधमसिंह नगर को गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ इस मामले में अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
वहीं इस मामले में एक महत्वपूर्ण ख़बर आ रही है कि यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड हाकम सिंह को उत्तरकाशी जनपद के मोरी क्षेत्र से एसटीएफ ने हिरासत मेंं लिया है। जांच पड़ताल के दौरान सबसे अधिक चर्चाओं में हाकम सिंह नाम का व्यक्ति आया था। हालांकि, अभी इसकी कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं है।
बता दें कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने स्नातक स्तरीय परीक्षा गत वर्ष दिसंबर में कराई थी। इसके बाद से ही लगातार इसमें धांधली की बात सामने आ रही थी। बीती 22 जुलाई को मुख्यमंत्री के निर्देश पर रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। तब इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई। इसके बाद से ही एसटीएफ कड़ियां जोड़कर पूरे मामले की जांच में जुटी है।