उत्तराखंड की महिलाओं के लिए ख़ुशख़बरी है, महिला क्षैतिज आरक्षण विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है। आरक्षण का लाभ उन सभी महिलाओं को मिलेगा, जिनका उत्तराखंड राज्य का डोमोसाईल है फिर वे चाहे राज्य से बाहर किसी भी स्थान पर निवास कर रहीं हो।
उत्तराखंड में महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का कानूनी अधिकार मिल गया है। आरक्षण का लाभ उन सभी महिलाओं को मिलेगा, जिनका उत्तराखंड राज्य का अधिवास (डोमिसाइल) है। बेशक वे राज्य से बाहर किसी भी स्थान पर निवास कर रही हों।
राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह (सेनि.) ने मंगलवार को उत्तराखंड लोक सेवा (महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2022 को मंजूरी दे दी। राजभवन से विधेयक को विधायी विभाग भेज दिया गया है, जिसका गजट नोटिफिकेशन जल्द जारी हो जाएगा।
बता दें कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बीती 29 नवंबर को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार ने यह विधायक पेश किया था। 30 नवंबर को पुष्कर सिंह धामी सरकार ने प्रदेश की महिलाओं को सरकारी सेवाओं में 30 प्रतिशत आरक्षण देने के संबंध में विधेयक पारित किया था और मंजूरी के लिए राजभवन भेज दिया था। यह विधेयक राजभवन में करीब महीने भर से विचाराधीन था।
विधिवत गजट नोटिफिकेशन के बाद इस विधेयक के कानून बनते ही राज्य की सरकारी नौकरियों पर राज्य की महिलाएं 30 प्रतिशत क्षेतिज आरक्षण लाभ ले सकेंगी।
गौरतलब है कि राज्य गठन के दौरान तत्कालीन सरकार ने 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण शुरू किया था, वर्ष 2006 से राज्य की सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था की गई। लेकिन बीते वर्ष हाइकोर्ट ने आरक्षण पर रोक लगा दी। जिसके बाद राज्य सरकार ने हाइकोर्ट के आदेश को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी। सरकार की विशेष अनुग्रह याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी, इस तरह आरक्षण बरकरार रहा। सुप्रीम कोर्ट में इसी मामले में सात फरवरी को सुनवाई होनी है।
दरअसल, सम्मिलित राज्य सिविल एवं प्रवर अधीनस्थ सेवा की प्री परीक्षा में शामिल दूसरे प्रदेशों की महिला अभ्यर्थियों ने आरक्षण पर आपत्ति जतायी थी। उनका कहना था कि इस प्रकार की आरक्षण व्यवस्था ठीक नही है।
महिला क्षैतिज आरक्षण विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह घामी ने खुशी जाहिर की और राज्य की मातृ शक्ति को बधाई देते हुए राज्यपाल का आभार जताया।
मैं राज्यपाल का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। यह कानून निश्चित तौर पर मातृशक्ति के सशक्तीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। राज्य के विकास में अतुलनीय योगदान देने वाली नारी शक्ति के उत्थान के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री