श्रद्धालुओं को मिली सौगात, सीएम धामी ने सुरकंडा रोपवे का किया उद्घाटन,पर्यटन विभाग ने किया निर्माण

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देवभूमि उत्तराखंड के टिहरी जनपद में स्थित जौनपुर के सुरकुट पर्वत पर सुरकंडा देवा का मंदिर है। यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है जो कि नौ देवी के रूपों में से एक है। यह मंदिर 51 शक्तिपीठ में से है। सुरकंडा रोपवे का रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधिवत उद्घाटन किया। हालांकि रोपवे सुविधा कुछ दिन पहले शुरू हो गई थी। सुरकंडा देवी मंदिर तक पहुंचने के लिए बने रोपवे की लंबाई 502 मीटर है।

उत्तराखंड राज्य गठन होने के बाद यह पहली महत्वपूर्ण रोपवे परियोजना है, जिसका निर्माण पर्यटन विभाग ने किया। पहले जहां श्रद्धालुओं को कद्दूखाल से डेढ़ किलोमीटर की चढ़ाई चढ़कर करीब डेढ़ घंटे में मंदिर तक पहुंचते थे। खासकर वृद्ध, दिव्यांग व बीमारों को खच्चरों के सहारे मंदिर तक पहुंचना पड़ता था। वहीं, अब रोपवे से मात्र दस मिनट में कद्दूखाल से मंदिर तक पहुंचा जा रहा है।

उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने रोपवे से मंदिर पहुंचकर माता के दर्शन किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोपवे से जहां श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में सुगमता होगी, वहीं स्थानीय स्तर पर क्षेत्रवासियों की आजीविका भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की ओर से केंद्र की पर्वतमाला योजना के अंतर्गत जनपदों के विभिन्न रोपवे परियोजनाओं के निर्माण की कार्यवाही गतिमान है।मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरकंडा में स्थायी हेलीपैड बनाया जाएगा। इसके लिए उन्होंने जिलाधिकारी को क्षेत्र में स्थायी हेलीपैड के लिए भूमि चिन्हित करने के भी निर्देश दिए।
सीएम ने आगे कहा कि टिहरी झील को दुनिया का सबसे बेहतर पर्यटन स्थल बनाने की योजना है। झील क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्यों के लिए भारत सरकार से पहले 12 सौ करोड़ की स्वीकृति मिली थी, जिसकी डीपीआर तैयार की जा रही है। 800 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भारत सरकार को और भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि धनोल्टी क्षेत्र में तीर्थाटन और पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए एक हेलीपैड बनाया जाएगा। हेलीपैड के लिए जिला प्रशासन भूमि का चयन करेगा।टिहरी जिले की 42 वर्ग किलोमीटर झील में विभिन्न साहसिक जल क्रीड़ाओं का संचालन किया जा रहा है तथा झील में पर्यटन गतिविधियों के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में राज्य में सभी क्षेत्रों में विकास के कार्य तेजी से हो रहे हैं। 2025 में जब हम उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती मनाएंगे, उस समय उत्तराखंड हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में होगा।

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